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गरीब व जरूरतमंद मरीजों को आयुष्मान और हिमकेयर का मिला सहारा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हमीरपुर। एक तो गरीबी और उस पर बीमारी की मार। ऐसे में कोई जरूरतमंद एवं असहाय मरीज करे भी तो क्या करे? जी हां, एक ऐसा भी दौर था कि जब गरीब परिवार का कोई सदस्य किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाता था तो वह परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से पूरी तरह टूट जाता था। इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती और कई बार पैसे की कमी के कारण मरीज का इलाज ही नहीं हो पाता था।

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अब ऐसे गरीब मरीजों के इलाज में पैसे की कमी कभी आड़े ही नहीं आ सकती है। बीमारी के संकट के समय ऐेसे लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना और हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना आरंभ की है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर गरीब व अन्य पात्र लोग अपना मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।  जिला हमीरपुर में भी हजारों लोग इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। गरीब और अन्य जरुरतमंद मरीजों के लिए ये योजनाएं बहुत बड़ा सहारा साबित हो रही हैं। अभी तक जिला में दस हजार से अधिक लोग आयुष्मान और हिमकेयर योजना का लाभ उठाकर अपना मुफ्त इलाज करवा चुके हैं। इनके इलाज पर लगभग सवा चार करोड़ की धनराशि खर्च की गई है।

   मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना सोनी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला में 52,646 लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। इनमें से अभी तक 1986 लोग मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त कर चुके हैं और इनका क्लेम लगभग 80 लाख रुपये है। इसी प्रकार हिमकेयर योजना के अंतर्गत जिला में 41,462 कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 8,663 लोगों ने मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है और इनकी क्लेम राशि तीन करोड़ 44 लाख रुपये से अधिक है। इनमें से कई लोग बहुत ही गंभीर बीमारियों के शिकार थे और इन बीमारियों का इलाज बहुत ही महंगा था, लेकिन संकट के समय आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना इन लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हुई।

  बीपीएल वर्ग के लोग आयुष्मान भारत योजना में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इस योजना में सालाना पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का प्रावधान है। इसके लिए लाभार्थी से कोई भी प्रीमियम नहीं लिया जाता है। हिमाचल में अगर कोई जरुरतमंद परिवार आयुष्मान भारत योजना से छूट जाता है तो उसे भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे छूटे लोगों के लिए ही प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना आरंभ की है।

    आयुष्मान भारत की तरह ही हिमकेयर योजना भी काफी कारगर साबित हो रही है। एकल नारियां, 40 प्रतिशत से अधिक विकलांगता के शिकार व्यक्ति, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, आंगनबाड़ी कर्मचारी, मिड डे मील कर्मचारी, आशा वर्कर्स, दैनिक वेतनभोगी सरकारी कर्मचारी, पार्ट टाइम वर्कर्स, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारी और अन्य पात्र लोग सालाना मात्र 365 रुपये प्रीमियम देकर हिमकेयर योजना का लाभ उठा सकते हैं। बीपीएल वर्ग, मनरेगा वर्करों और पंजीकृत रेहड़ी-फहड़ी विक्रेताओं से कोई भी प्रीमियम नहीं लिया जाता है।

इन श्रेणियों से छूटे लोगों को भी हिमकेयर योजना में कवर करने की व्यवस्था की गई है। उनके लिए सालाना प्रीमियम राशि एक हजार रुपये निर्धारित की गई है। हिमकेयर योजना में चयनित परिवार के अधिकतम पांच सदस्य सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।  

13 जुलाई के बाद अब सबसे पहले होगी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कालेजों में पढ़ने वाले 60 हजार से ज्यादा फर्स्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों की फाइनल परीक्षाएं अभी नहीं होंगी। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि 13 जुलाई के बाद सबसे पहले फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएंगी, उसके बाद अगर स्थिति सामान्य हुई, तो कालेज में रूसा के तहत पढ़ रहे फर्स्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएंगी।
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जानकारी के अनुसार अगर स्थिति काबू नहीं हो पाती है, तो ऐसे में फर्स्ट व सेकेंड के छात्रों को प्रोमोट कर दूसरी कक्षा में भी बिठाया जा सकता है। इसके अलावा सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि लॉकडाउन की वजह से जो छात्र अपने-अपने घर दूसरे जिलो में चले गए हैं, उन छात्रों को परीक्षाओं के लिए एक जिला से दूसरे जिला में आने की भी आवश्यकता नहीं होगी। छात्रों को उन्हीं के जिला में बनाए गए परीक्षा केंद्रो में परीक्षाओं में बैठने की सुविधा दी जाएगी।
साथ ही सरकार कालेज फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा से पहले एचपीयू को तैयारियां करने के लिए केवल पंद्रह दिन का ही समय देगा। जानकारी के अनुसार  कालेज परीक्षाओं को लेकर सरकार रोज चर्चाएं व प्लानिंग कर  रही है। दरअसल कई छात्र ऐसे भी हैं, जिनका घर कंटेनमेंट जोन में आता है। ऐसे में यह भी प्लान किया जा रहा है कि इन छात्रों को कैसे परीक्षाएं देने के लिए बुलाया जाए। फिलहाल इस पर सरकार प्लानिंग कर रही है। ऐसे में देखना होगा कि कालेज परीक्षाएं सभी छात्रों की सही रूप से हो सकें, इसके लिए सरकार की अगली प्लानिंग क्या होती है। बताया जा रहा है कि  एचपीयू ने प्रश्न पत्र तैयार कर दिए हैं, प्रिटिंग के लिए दिए गए हैं। जब कालेज फाइनल परीक्षा की तारीख फाइनल हो जाएगी, तो एचपीयू प्रश्न पत्र की सप्लाई मंगवा देगा।
फिलहाल एचपीयू  ने सरकार को शैक्षणिक गतिविधियों को कैसे सुचारू किया जा सकें, इन सभी संभावनाओं से सरकार को अवगत करवाया है। अहम यह है कि कालेजों में सेमेस्टर प्रणाली के तहत केवल एक  ही बैच बचा है। यही वजह है कि सरकार सबसे पहले सेमेस्टर परीक्षा को निपटाना चाहता है। बताया जा रहा है कि  मॉर्निंग व इंवनिंग दो सेशन में छात्रों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।

 

रामपुर के खनेरी महात्मा गाँधी मेडिकल सर्विस काॅमप्लेक्स में अगले हफ्ते से शुरू होंगे कोरोना टेस्ट

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चिकित्सा प्रबंधन बोले…. मशीन के स्थापित होने से अब सैंपल आईजीएमसी भेजने की नहीं पड़ेगी जरूरत

विशेषर नेगी

शिमला। राजधानी शिमला के रामपुर के महात्मा गाँधी मेडिकल सर्विस कम्प्लेक्स में भी कोविड टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। इस के लिए सरकार की ओर से लाखो रूपये की टेस्टिंग मशीन चिकित्सा परिसर पहुंचा दी गई है। इसे फिट करते ही अगले हफ्ते से यह सयंत्र काम करना शुरू कर देगा। अब तक समूचे ऊपरी क्षेत्र से कोरोना जाँच के लिए आईजीएमसी शिमला सेम्पल भेजे जाते थे। इस से दो दिन का समय लग रहा था। अब इस मशीन को खनेरी चिकित्सा सेवा परिसर में स्थापित करने से शिमला ज़िले के रामपुर और कुमार सैन उपमंडल, कुल्लू का आनी उपमंडल तथा मंडी ज़िले के करसोग का ऊपरी क्षेत्र लाभान्वित होगा।
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खनेरी चिकित्सा सेवा परिसर प्रबंधन ने बताया सरकार प्रदेश में 14 स्वास्थ्य संस्थानों को कोरोना जांच मशीने उपलब्ध करा रही है। ताकि इस का लाभ दूरदराज तक हो। डॉण् एनके मेहता चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैए पहले मरीजों के नमूने आईजीएमसी शिमला भेजे जाते थे। इस में कम से कम दो समय लग रहा था। अब सरकार ने महात्मा गाँधी चिकित्सा सेवाएं परिसर को भी कोविड जाँच मशीन उपलब्ध करा दी है। जल्द इसे फिट कर कोरोना जाँच रामपुर में ही होगी।

लाॅकडाउन के बीच भी विभाग की ओर से कुल इतने पात्र नए लोगों को दी गई सामाजिक सुरक्षा पेंशन सुविधा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर समावेशी समाज की स्थापना करने तथा वंचित वर्ग को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने तथा आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए उपयुक्त समर्थन दिया जा रहा है ताकि यह वर्ग सुरक्षित और प्रतिष्ठित जीवनयापन कर सके। इस वर्ग को आर्थिक, सामाजिक और पुर्नवास कार्यक्रम के माध्यम से सुविधाएं भी प्रदान की जा रही है।
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जिला शिमला में कोविड-19 महामारी के दौरान लाॅकडाउन की स्थिति में भी पात्र लोगों को पेंशन उपलब्ध करवाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए गए ताकि पेंशन धारकों को इस दौरान किसी अनुचित स्थिति का सामना न करना पड़े। लाॅकडाउन के तहत पेंशन वितरण के लिए डाक व बैंकिग सेवा का उपयोग किया गया ताकि लोगों को उनके घरद्वार पर पेंशन सुविधा प्रदान की जा सके तथा सामाजिक दूरी बनाएं रखने तथा लाॅकडाउन में बाहर न निकलने आदि मानकों की अनुपालना भी सुनिश्चित की जा सके।
जिला में इस तिमाही के दौरान लगभग 4408 पात्र नए लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई। लाॅकडाउन में आर्थिक ठहराव में दी गई राशि ने पेंशन प्राप्त करने वाले लोगों को राहत प्रदान की। इसके तहत 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 1018 वृद्धजनों को यह पेंशन कोरोना संकटकाल में नई आशा की किरण लेकर आई। इसके अतिरिक्त 60 वर्ष आयु वृद्धावस्था में 3524, विधवा पेंशन में 556, दिव्यांगजनों में 327 तथा कुष्ठ रोगी पुर्नवास भत्ते के तहत एक व्यक्ति को पहली बार इस तिमाही के दौरान पेंशन प्रदान की गई।
जिला में लक्षित 62755 विभिन्न पेंशन धारकों में से 6146 पेंशन धारकों को 22 करोड़ 76 लाख 52 हजार रुपये तिमाही पेंशन के रूप में वितरित किए गए। 60749 व्यक्तियों की पेंशन जो कि लगभग 22 करोड़ 51 लाख 59 हजार की राशि डाक के माध्यम से जबकि 24 लाख 93 हजार 150 रुपये की राशि पात्र पेंशन धारकों को तिमाही के दौरान प्रदान की गई।
 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 1506 व्यक्तियों को 5,89,34,850 रुपये जबकि प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत जिला में 27,997 लोगों को 10,76,19,900 रुपये की राशि, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत 3004 पात्र व्यक्तियों को 1,24,07,700 रुपये, विधवा पेंशन योजना के तहत 9222 पात्र महिलाओं को 2,92,45,200 रुपये, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अपंग पेंशन योजना के तहत 37 व्यक्तियों को 1,66,500 रुपये तथा अपंग राहत भत्ता के तहत 5958 लोगों को 2,08,02,300 रुपये व कुष्ठ रोगी पुर्नवास भत्ते के तहत जिला में 180 रोगियों को 6,36,450 रुपये की राशि वितरित की गई।
उल्लेखनीय है कि माह अप्रैल में आए सभी आवेदनों में पात्र लोगों को पेंशन सुविधा प्रदान की गई है। यह लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। यदि किसी व्यक्ति को इस संबंध मंे कोई सूचना या शिकायत हो वो तहसील कल्याण अधिकारी अथवा जिला कल्याण अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है।

पिछले 24 घंटे में जिला शिमला और किन्नौर में 28 आईटीबीपी जवान आए कोरोना पाॅजिटिव

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यह जवान जम्मू कश्मीर से आए थे किन्नौर, सभी को शिफ्ट किया गया कोविड केयर सेंटर

विशेषर नेगी

किन्नौर/शिमला। जिला किन्नौर और रामपुर में 24 घण्टे के भीतर 28 आईटीबीपी जवानों के कोरोना पॉजीटिव आने से लोगों की मुश्किलें बड़ी। आज शिमला ज़िला के ज्यूरी में एसजेवीएन के ज्यूरी स्थित परिसर में कवरन्टीन किए गए 6 आईटीबीपी जवान कोरोना संक्रमित पाए गए। पिछले दिनों लद्दाख के गलवान घाटी में हुए विवाद के बाद किन्नौर के तिब्बत सीमा के साथ आईटीबीपी को मजबूत किया जा रहा है। ऐसे में देश के विभिनन हिस्सो से लौट रहे जवान कोरोना वाहक का काम कर रहे है। आज जंगी में आईटीबीपी के 17 जवान कोरोना पॉजीटिव निकले कुल 59 जवानों के सेम्पल लिए गए थे जिन में कुछ के सेम्पल आने बाकी है। इसी तरह शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के ज्यूरी में 43 वी आईआईटीबी बटालियन के 6 जवान भी कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं । यह सभी जवान छुट्टियों काट कर अपनी बटालियन आये थे। इन सभी जवानो को एसजेवीएनएल के ज्यूरी संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था।
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बुधवार को किंन्नौर जिले के पीओ में एक साथ 5 कोरोना पॉजीटिव मामले सामने आए थे । वही वीरवार को जिले के जंगी में 17 जवान कोरोना संक्रमित निकले है। यह सभी जवान जम्मू से आईटीबीपी की अपनी गाड़ी से जंगी पहुंचे थे। सभी लोग कवरन्टीन में रखे गए थे। इस लिए कम्युनिटी स्प्रेड की संभावना कम जताई जा रही है। इस घटना को देखते हुए आईटीबीपी का जंगी परिसर को सील कर दिया गया है ताकि कोमिनिटी स्प्रेड न हो सके। उधर शिमला ज़िला के ज्यूरी में भी सतर्कता बरती जा रही
है। एसडीएम रामपुर नरेंद्र चौहान ने बताया ज्यूरी में 6 आईटीबीपी के जवान कोरोना संक्रमित पाए गए। उन्हें कोविड केयर सेंटर मशोबरा भेजा गया। उन्होंने बताया कि ज्यूरी ब्यापारियों से भी बैठक की गई। आईटीबीपी के जवान छुट्टी से लगातार आ रहे है और फारवर्ड पोस्टिंग में जाना है। इस लिए आईटीबीपी को निर्देश दिए गए हैकि दिन में ज्यूरी की बजाए मंगलाड नामक स्थान में उन के लिए रिसेप्शन सेंटर स्थापित करे ताकि लोगो को संक्रमण का भय न रहे।

प्रवासी, श्रमिक और गरीब की आवाज बनी मोदी सरकार – रणधीर शर्मा

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सत्यदेव शर्मा
ऊना। प्रदेश भाजपा मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आगामी पांच महीने के लिए देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अन्न मुहैया करवाने के लिए आभार व्यक्त लड़ते हुए इस कदम को मानवीय निर्णय बताया है। साथ ही इस कोरोना काल मे कांग्रेस के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस पार्टी को संवेदनहीन करार दिया है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना व आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश के प्रवासी, श्रमिक और गरीब लोगों को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा देकर कल्याणकारी कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कोरोना के इस आपदा काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी पांच महीनों तक बढ़ाने से रोज़गार चले जाने से आर्थिक तंगी झेल रहे परिवारों को अन्न उपलब्ध करवाकर सराहनीय कदम लिया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल और एक किलो चने की दाल मुफ्त में उपलब्ध होगी। वही इस योजना से प्रदेश के 6 लाख गरीब लोगों को भी इस योजना का नवंबर माह तक लाभ मिलेगा।
   यही नहीं पूर्व में भी आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत मोदी सरकार ने अप्रैल से जून महीने तक इसी तरह 80 करोड़ लोगों को राशन मुहैया करवाया था। केंद्र की मोदी सरकार इस महत्वकांक्षी योजना पर अबतक कुल 1.5 लाख करोड़ का खर्च वहन करने जा रही है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में श्रमिकों को काम उपलब्ध करवाने के लिए 50 हजार करोड़ का खर्च किया गया है।
रणधीर शर्मा ने बताया कि मोदी सरकार आज के दिन में प्रतिदिन तीन लाख पीपीई किट व एन-95 फेस कवर बनाकर मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर रोज़गार के साधन भी सृजित कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सरकार ने भी इस महामारी को हिमाचल में फैलने से रोकने के करकर उपाय किये थे। परिणामस्वरूप आज हिमाचल में जितने भी केस हैं वो सब बाहरी राज्य से वापिस आये संस्थागत क्वारंटाइन किये गए हिमाचलियों के ही हैं। साथ ही जयराम सरकार गांव में महिलाओं एवं श्रमिकों के लिए रोजगार के साधन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाने के लिए सकंल्पित है।

बसें खड़ी करना सरकार के फैसले का विरोध नही, बल्कि खर्च तक न निकाल पाने की मजबूरी: रमेश कमल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्राइवेट बस ऑपरेटर संघ हिमाचल के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि हमारा सरकार से न कोई विरोध है और न ही किसी प्रकार का कोई आंदोलन सरकार के खिलाफ है। बसें खड़ी करना सरकार के फैसले का विरोध नही, बल्कि खर्च तक न निकाल पाने की मजबूरी है। पिछले दिनों सरकार ने 60 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ बसें चलाने की परमिशन दी थी। इसमे प्राइवेट बस ऑपरेटर्स को अपना खर्च तक निकाल पाना संभव नही हो पा रहा था। ऐसे मेंं बसेे खड़ी करना मजबूरी थी।
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रमेश कमल ने कहा कि सरकार की सौ प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने को लेकर जारी अधिसूचना के बाद अब हिमाचल निजी बस ऑपरेटर्स संघ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक आयोजित करेगी, जिसमे आगामी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले अधिसूचना में नियम व शर्तों पर चर्चा होगी।
किराया बढ़ाने पर आम लोगों पर पड़ने वाले अतिरिक्त वितीय बोझ पर रमेश कमल ने कहा कि आज सरकार ने हर सेवा के दाम बढ़ा दिये हैं। ऐसे मे जनता को हमारी मजबूरी भी समझना होगा। ये जनता के साथ एक तरह से हमारा समझौता होगा जो वे इस कोविड काल मे हमारा साथ देंगे। किराया बढ़ने से हम रोजी रोटी कमा सकेंगे जबकि चालकों व परिचालकों का रोजगार भी सुरक्षित रह सकता है।
 
 
 

प्रदेश में अगले 24 घंटे में मौसम दिखाएगा अपने तेवर, मौसम विभाग ने दी भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटों में दक्षिण पश्चिमी मानसून सक्रिय होगा। जिससे आने वाले दिनों में प्रदेश के कई इलाकों में अघंड के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। इसकी पुष्टि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डाॅ. मनमोहन सिंह ने की है।
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मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि चार जुलाई की रात से मानसून सक्रिय होगा जो आठ जुलाई तक जारी रहने के आसार है। इस बीच 5 और छह जुलाई को अनेक स्थानों पर गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। इस दौरान 40 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेगी। गुरुवार को प्रदेश में कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। शिमला के उपनगर कसुम्पठी में सुबह हल्की बारिश हुई। इसके साथ धर्मशाला में 21 मिमी वर्षा हुई।
वहीं, राज्य में पिछले 24 घंटों में धर्मशाला में 44 मिमी, पालमपुर में 33, नैनादेवी 25, भरारी 16, पावटा साहिब 12, गगल 11, कोहू 9, भोरंज 8, मेहन 7, सुंदरनगर, बैजनाथ और गोहर में 5, खिरी में 4, जोगिंद्रनगर 3, वहीं नादौन, बिजी ओर अघर में 2 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।
गुरुवार को ऊना में अधिकतम तापमान 39.0 डिग्री दर्ज हुआ। मैदानी जिलों में बारिश नहीं होने से गर्मी बढ़ना शुरू हो गई है। भुंतर में 35.6, बिलासपुर 35.0, हमीरपुर 34.8, सुंदरनगर 34.6, भुंतर 35.6, चंबा 34.2, कांगड़ा 34.4, सोलन 33.0, नाहन 31.1, धर्मशाला 29.6, कल्पा 27.5, शिमला 25.4, केलांग 25.3 और डलहौजी में 21.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

चंबा काॅलेज में इस दिन स्थापित की जाएगी एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंबा।  मेडिकल कॉलेज चंबा अस्पताल में स्थापित होने वाली एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों की बिड 25 जुलाई को खुलेगी। उपायुक्त विवेक भाटिया ने आज एस्पिरेशनल जिला योजना के केंद्रीय प्रभारी अधिकारी के संजय मूर्ति द्वारा दिल्ली से की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद बताया यदि यह बिड क्वालीफाई करती है तो संबंधित कंपनी को उसके बाद अगले 3 महीनों के भीतर इन  मशीनों को स्थापित करना होगा। उपायुक्त ने कहा कि इन मशीनों की खरीद और उनकी स्थापना के लिए 9 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध भी हो चुकी है।

   
उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा के संजय मूर्ति ने चंबा मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण, चंबा  मेडिकल कॉलेज के मौजूदा अस्पताल की मरम्मत, जिले में संस्थागत डिलीवरी के सुदृढ़ीकरण और मोबाइल मेडिकल वैन की सुविधा को जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए।
    उपायुक्त ने कहा कि सरोल में मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी करेगी। मेडिकल कॉलेज साईट पर 36 पेड़ों को काटने की भी अनुमति मिल चुकी है। उपायुक्त ने चंबा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को इस दिशा में जल्द कदम उठाने के लिए कहा ताकि साइट क्लीयरेंस के बाद चंबा मेडिकल कॉलेज के नए भवन का कार्य भी आरंभ हो सके। उपायुक्त ने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं को संस्थागत डिलीवरी की सुविधाएं मुहैया करने के मकसद से जहां दो डिलीवरी पॉइंट को सुदृढ़ किया जाएगा वहीं 7 नए डिलीवरी प्वाइंट भी चिन्हित किए गए हैं जहां संस्थागत डिलीवरी की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
   उपायुक्त ने कहा कि एस्पिरेशनल  जिला योजना के केंद्रीय प्रभारी अधिकारी द्वारा विशेष तौर से जिले में टेलीमेडिसिन की सुविधा के अलावा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन अभियान में देश के सभी 112 एस्पिरेशनल जिलों में चौथा स्थान हासिल करने के लिए सराहना भी की। जिले में इस समय 21 केंद्रों पर टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है जिनमें जनजातीय पांगी और भरमौर क्षेत्र भी शामिल हैं। जिले को जल्द एक मोबाइल वैन मिलने वाली है जिसमें क्षय रोग के नमूने लेने की भी पूरी सुविधा उपलब्ध रहेगी।  उपायुक्त ने यह भी बताया कि सलूणी क्षेत्र में एक शव गृह का निर्माण होगा जिसके लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और इसकी एफसीए क्लीयरेंस के बाद हिमुडा द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा।

साढ़े सात करोड़ की लागत से बनने वाली बल्देयां-मांदर सड़क का काम डेढ़ साल बाद भी नहीं हुआ शुरू

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लोगों ने की अपील … सड़क पूरा करने में लोक निर्माण विभाग करें तुरंत हस्तक्षेप

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल किसान सभा का कहना हैं कि पिछले लगभग 60 सालों से चली आ रही बल्देयां-मांदर सड़क की प्रक्रिया आज भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। जबकि पिछले एक साल से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मिली स्वीकृति के बाद भी आज भी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि इससे पूरे क्षेत्र के लोग जो उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन आज इस धीमी को देखते हुए परेशान हो गए हैं। सूत्रों से पता चला है कि लोक निर्माण विभाग तथा ठेकेदार के बीच उचित तालमेल नहीं बन पा रहा है। इसलिए हिमाचल किसान सभा ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार तथा विभाग से इस सड़क को अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने करने की मांग की है।
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किसान सभा के पदाधिकारियों डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर, सत्यवान पुण्डीर, जयशिव ठाकुर तथा मदनलाल भारद्वाज द्वारा जारी संयुक्त ब्यान के तहत लोक निर्माण विभाग से मांग की है कि क्योंकि यह सड़क अब पी.एम.जी.एस.वाई. के तहत बनाई जा रही है तो इसे पूरा करने की प्रमुख जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है, इसलिए ठेकेदार से काम लेना जनता का नहीं बल्कि विभाग का काम है।
ज्ञात हो कि इस बल्देयां-मांदर सड़क के सर्वे की शुरुआत 1962 में हुई थी लेकिन आज तक राजनेताओं द्वारा जनता की ऐसी उठापठक करवाई गई कि आज नेटी क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला यह पूरा क्षेत्र आज तक सड़क सुविधा से वंचित रह गया।
पिछले वर्ष 26 फरवरी, 2019 को किसान सभा तथा क्षेत्र के नौजवानों की सक्रियता से वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग से कागजी कार्यवाही पूरी करवा कर कुल निर्माण लागत 7 करोड़ 42 लाख रुपये का टेंडर हो चुका था, जिसमें सड़क कटिंग की लागत 4.50 करोड़ रुपये है। और 12 जून को मशीनरी के साथ कार्य शुरू भी हो गया था। हालांकि इस सड़क का विधानसभा चुनावों के चलते 13 सितम्बर 2017 को ही स्थानीय विधायक ने तत्काल्लीन मुख्यमंत्री के माध्यम से ई.उद्घाटन तो करवा दिया था। लेकिन आज सरकार और निर्वाचित विधायक की भूमिका इस पूरे प्रकरण में कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
पूरी सड़क का कार्य पूरा होना तो दूर की बात लेकिन किसी भी छोर से 3-4 कि.मी. तक की सड़क भी पूर्ण नहीं हो पाई है जिस कारण ठेकेदार के मुताबिक लम्बित पड़ी राशि भी विभाग से जारी नहीं हुई है। पूरी सड़क अस्त-व्यस्त रूप से पड़ी है जबकि बरसात में और ज्यादा खराब होने की सम्भावना है। हिमाचल किसान सभा ने लोक निर्माण विभाग से इस सड़क को लेकर तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है और कहा हैं कि इसके पूरा होने तक प्राथमिकता के तौर पर निगरानी करें। अन्यथा किसान सभा क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर विभाग के खिलाफ धरने-प्रदर्शन से भी गुरेज नहीं करेगी।

Shoolini University

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों सोलन । शूलिनी विश्वविद्यालय के जॉयपैड सिम्फनी क्लब द्वारा आयोजित एक उच्च-ऊर्जा बहु-शीर्षक गेमिंग टूर्नामेंट, लॉक इन 2.0, परिसर में आयोजित...

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों  कांगडा । मुख्यमंत्री  कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है तथा विपक्ष के विरोध के बावजूद कई महत्त्वपूर्ण...

प्रदेश में जल्द ही संगठन एक नए स्वरूप में दिखेगा -विनय कुमार

आदर्श हिमाचल ब्यूरों शिमला । कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने कहा है कि प्रदेश में जल्द ही संगठन एक नए स्वरूप में दिखेगा। इसमें...