आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सोलन: इंडियन पब्लिक स्कूल्स कान्फ्रेंस (आईपीएससी) ने सोमवार को दून स्कूल देहरादून में आयोजित आईपीएससी के 82वें प्रिंसिपल कॉन्क्लेव में पाइनग्रोव स्कूल धर्मपुर व सुबाथू के कार्यकारी निदेशक कैप्टन एजे सिंह को प्रतिष्ठित गौड़ हरि सिंघानिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। यह पुरस्कार केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में सम्मेलन के एक अनुकरणीय समापन समारोह में ऑनलाइन प्रदान किया गया।
बता दें कि कैप्टन एजे सिंह पाइनग्रोव स्कूल के संस्थापक हैडमास्टर और निदेशक हैं। कैप्टन सिंह सेंट सोल्जर स्कूल पंचकूला के निदेशक और आईपीएससी के अध्यक्ष के अलावा सीबीएसई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी रह चुके हैं। यह पुरस्कार कैप्टन सिंह को पाइनग्रोव स्कूल को उस स्थान और सम्मान के स्थान पर लाने में किए गए शानदार काम के लिए दिया गया, जो आज भी मौजूद है। विशेष रूप से आईपीएससी और सामान्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों और योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
पूर्व में कैप्टन एजे सिंह भारतीय सेना में स्थायी रूप से कमीशन अधिकारी थे और शिक्षा के इस नेक मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए समय से पहले अपने कमीशन से इस्तीफा दे दिया। वह लगभग एक दशक तक आईपीएससी कार्यकारी समिति में रहे हैं और उन्होंने आईपीएससी/एसजीएफआई टूर्नामेंट आयोजित करने या मेजबानी करने, कॉन्क्लेव आयोजित करने, आईपीएससी उपनियमों को फिर से शुरू करने, शिक्षक प्रशिक्षण सेमिनार और आईपीएससी छात्र सम्मेलनों को फिर से शुरू करने में निस्वार्थ भाव से काम किया है। उनकी यह पहल आज भी जारी हैं और एक परंपरा के रूप में विकसित हो रही है।
कैप्टन सिंह इस पुरस्कार का श्रेय अपने गुरुओं, शिक्षकों और आईपीएससी प्रधानाचार्यों को देते हैं। उनका कहना है कि यह नियति ही थी, जिसने उन्हें एक सेना अधिकारी से शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान का अवसर प्रदान किया और इसके लिए उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में यह पुरस्कार प्राप्त करना उनके लिए विशेष सम्मान की बात है।