मुख्य सचिव ने टेबल टॉप अभ्यास बैठक की अध्यक्षता की, प्रदेश के सभी जिलों में 14 जून को होगी मॉक ड्रिल

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में आपदा प्रबंधकों की भूमिका और विशेषज्ञों से आपात राहत की नवीनतम कार्यप्रणाली को सीखना था। राज्य में बाढ़, भू-स्खलन, पिघलते हिमखण्डों से बनी झीलों के टूटने जैसी आपदाओं से सामयिक परिप्रेक्ष्य में निपटने संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आपदा के समय विभिन्न घटनाओं से निपटनेे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल करते समय धरातल स्तर पर सभी विभागों में पूरी तरह समन्वय स्थापित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के माध्यम से जमीनी स्तर पर त्वरित प्रक्रिया के बारे में वास्तविकता की स्थिति का पता चल सकेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रबंधन में टेबल टॉप अभ्यास के आयोजन से ज्ञान का आदान-प्रदान और रणनीतिक तरीके से योजना तैयार की जाती है। यह सभी विभागों को प्रभावी आपदा प्रबंधन में मूल्यवर्धक मंच उपलब्ध करवाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि 14 जून को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पर्यवेक्षकों व सलाहकारों और सेना व आईटीबीपी के मार्गदर्शन में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।  यह मॉकड्रिल प्रभावी आपदा व घटना प्रतिक्रिया योजना और कमियों को दर्शाने में बहुत प्रभावी होगी।

 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल नेे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा मोचन दल, सेना, आईटीबीपी तथा वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारियों को मॉकड्रिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के निदेशक व विशेष सचिव डी.सी राणा ने कहा कि मॉकड्रिल के लिए सभी जिलों में बाढ़, भूस्खलन, पिघलते हिमखण्डों से झीलें टूटने जैसा परिदृश्य बनाया जाएगा और सभी इस अभ्यास में सक्रिय तौर पर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह मॉक ड्रिल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारियों के सहयोग से की जाएगी।