आदर्श हिमाचल ब्यरो
शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा आपातकाल पर निंदा प्रस्ताव की जमकर सराहना करते हुए उनका आभार जताया। कहा कि अपनी सरकार और ख़ुद को बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने देश के डेढ़ लाख से ज़्यादा लोगों को जेल में डाल दिया। आंतरिक सुरक्षा के नाम पर ऐसी तानाशाही की गई कि लोगों से कोर्ट जाने के भी अधिकार छीन लिये गये। आपातकाल देश के लोकतंत्र और एक काला धब्बा है, जिसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पर है। कांग्रेस के तानाशाही सोच का यह काला दाग कभी मिटेगा भी नहीं। दुःख की बात यह है कि आज भी कांग्रेस है तानाशाही के साथ काम कर रही है। प्रदेश में सरकार की कार्यप्रणाली से भी इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। यह निंदा प्रस्ताव यह बताता है कि देश में संविधान के ऊपर कुछ भी नहीं है ल।
लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को यह बताना चाहिए कि कांग्रेस संविधान और संवैधानिक मूल्यों का किस कदर गला घोंटा। आज ज्यादातर जो लोग इंडी एलायंस के साथ हैं उनकी पार्टियों के नेताओं को आपातकाल में जेलों में ठूंस कर किस प्रकार की यातनाएं दी गई हैं, उन नेताओं को भी देश के लोगों को बताना चाहिए। कांग्रेस के सहयोगी दलों को आपातकाल के बारे में देश को बताना चाहिए कि किस तरह से एक नेता देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के ऊपर होकर विपक्षी पार्टी के नेताओं को जेलों में भरकर प्रताड़ित कर रहा था। किस तरह राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को भी अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में भी शामिल होने से रोका गया। देश के लोगों को यह जानना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियां इसकी भयावहता से वाक़िफ़ हो सकें।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों द्वारा कांग्रेस को पूरी तरह नकार देने के कारण हताशा में हैं इसलिए वह अनर्गल बातें कर रहे हैं। यह सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है। लोगों सिर्फ़ परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं कर रही है। आज प्रदेश में हर व्यक्ति सरकार से निराश हैं। रोजगार से लेकर विकास के मामले में यह सरकार पिछली सरकार के कामों को एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई है। एक भी युवा को रोज़गार नहीं दे पाई है यह सरकार सिर्फ़ मित्रों के लिए समर्पित सरकार है। जिसका आम आदमी के हितों से कोई लेना देना नहीं है। इस बार के उपचुनाव में भी प्रदेश के लोग इस सरकार को सबक़ सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं।