कोरोना काल में हिमाचल का पर्यटन उद्योग बंद होने की कगार पर, आर्थिक पैकेज दे राहत प्रदान करे प्रदेश सरकार: मोहिंद्र सेेठ 

मोहिंद्र सेठ
मोहिंद्र सेठ

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला।कोरोना महामारी के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी  पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को अपनी इकाइयों को संचालित रख पाना मुश्किल होता जा रहा है। पिछले वर्ष टूरिस्ट सीजन शुरु होने से पहले ही कोरोना महामारी के चलते पर्यटन  व्यवसाय बुरी तरफ प्रभावित हुआ था। देशव्यापी लॉक डाउन के कारण पर्यटन इकाइयां  पूरी तरह बंद रही थी। पिछले वर्ष अक्तूबर से थोड़ा बहुत काम चला था जिससे कुछ न कुछ खर्चे निकल रहा था। इस साल पर्यटन व्यवसायियों को अच्छा टूरिस्ट सीजन लगने की उम्मीद जगी थी।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के होटल, रेस्टॉरेंटो तथा अन्य पर्यटन इकाइयों की मेंटेनेस पर खर्चा कर आने वाले सीजन की तैयारियाँ भी कर ली थी। लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने एक बार फिर से टूरिस्ट सीजन शुरू होने से पहले ही पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों की उम्मीद पर पानी फेर कर रख दिया है और उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है।

सरकार की तरफ से कोई भी आर्थिक सहायता न मिलने के कारण किसी प्रकार भी अपनी बचत से पैसा खर्च करके तथा जो भी उनके पास सिक्योरिटी थी उस पर बैंकों से ऋण लेकर पूरा वर्ष अपनी इकाइयों तथा अपने खर्चो को पूरा करते रहे। लेकिन अब होटल तथा अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के पास वर्किंग कैपिटल भी शून्य हो गया है। इसी के चलते हमारी एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार को पत्र लिख वर्किंग कैपिटल के रूप मे आर्थिक मदद गुहार लगाई है। पर्यटन से जुड़े उद्यमियों के बैंकों से लिए ऋणों के ब्याज और किश्तों का भुगतान कर पाना असंभव हो गया है।

इसके चलते हमारी एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय तथा RBI के गवर्नर को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि मौजूदा ऋणों की डिफेरमेन्ट की जाए तथा ऋणों को NPA होने से रोका जाए । इसी के साथ कोविड की दूसरी लहर से हो रहे नुकसान से उबरने के लिए हिमाचल की पर्यटन इंडस्ट्री के लिए एक आर्थिक पैकेज दिया जाए। अप्रैल माह का वेतन तथा अन्य आवश्यक खर्चों इत्यादि का भुगतान मई में किसी तरह से कर दिया गया लेकिन वर्किंग कैपिटल शून्य होने के कारण आगे ख़र्च कहांसे वहन होगा ये चिंता उद्यमियों को सताने लगी है।

अभी कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप देश व प्रदेश में कम होने में समय लग सकता है । पर्यटन उद्यमियों ने अपनी इकाइयाँ बन्द रखी हुई है क्योंकि मौजूदा बंदिशों के कारण न तो कोई पर्यटक हिमाचल का रुख कर रहा है तथा फ़ूड बिजनेस भी चल पाना मुश्किल है इसीलिए रेस्टोरेंट्स भी बंद पड़े है।एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि हम सरकार के कोरोना चेन को तोड़ने के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करते है। यदि इस महामारी से निपटने के लिए लॉक डाउन की अवधि को एक हफ्ता दस दिन आगे बढ़ाना पड़े तो पर्यटन उद्योग सरकार के साथ खडे है क्योंकि हम सबकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। इसी के साथ हिमाचल के सबसे बड़े पर्यटन उद्योग जिस पर लाखों लोगों की जीविका आधारित है, को भी बचाये रखना जरूरी है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि शीघ्र अति शीघ्र पर्यटन से जुड़े  व्यवसायियों को आर्थिक मदद की जाए ताकि पर्यटन इंडस्ट्री को बचाया जा सके।