आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। कोरोना संकट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक देशभर में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में देखने को मिला जब कोरोना पीड़ित व्यक्ति की मौत के बाद स्वयंसेवकों से अंतिम संस्कार की मदद मांगी गई और उन्होंने उसे बखूबी निभाया। कांगड़ा जिले की नूरपुर तहसील के गाँव दमाल के एक 50 वर्षीय अमरजीत सिंह जो कि दिल्ली में किसी प्राईवेट कंपनी में काम करते थे, वह कोरोना पॉजीटिव हो गये। दिल्ली में लॉकडाउन होने के फलस्वरूप पिछले कल रात्रि को अपने घर गाँव दमाल, पहुंचे जहां आज प्रातः उनका कोरोना से देहांत हो गया।
मृतक अमरजीत सिंह के पीछे परिवार मेंपत्नी व 16 वर्षीय बेटी है, मृतक के इकलौते बेटे का पीलिया के कारण पहले ही देहांत हो चुका है। स्थानीय प्रशासन के पास स्टाफ की कमी के चलते असमर्थता जताने पर घर के सदस्य ही पीपीई किट पहनकर कोविड प्रोटोकॉल के दृष्टिगत स्वयं ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर थे, हालाँकि प्रशासन द्वारा पीपीई किट उपलब्ध करवाने की बात कही गई। लेकिन परिजनों ने भय के कारण चिकित्सालय न जाने का निर्णय लिया और स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ताओं से सहायता करने को कहा। गनोह की स्थानीय शाखा के स्वयंसेवकों ने मानवता की सेवा के आधार पर चिकित्सालय जाकर प्रशासन से पीपीई किट प्राप्त की। अंतिम संस्कार हेतु स्वयंसेवकों ने शमशान जाकर पीपीई किट पहन कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विधिवत हिंदु रीति-रिवाज़ से मृतक अमरजीत सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। स्थानीय प्रशासन के सदस्यों ने भी बाद में अंतिम संस्कार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।