आदर्श हिमाचल ब्यूरो
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शिमला। SFI राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश का मानना है कि हाल में लागू किये गए किसान विरोधी कानून इसलिए पारित किए गए ताकि अंबानी-अडानी को कृषि क्षेत्र में घुसपैठ करने में सहूलियत मिले।
कृषि मौजूदा समय मे एकमात्र व्यापार है जिसमें कभी नुकसान नहीं हो सकता, क्योंकि हर किसी को भोजन, फल और सब्जियों की जरूरत होती है। कृषि क्षेत्र के कॉरपोरेटीकरण(निगमीकरण) के विरोध में, देश के किसानों ने अडानी लिमिटेड और रिलाइंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तमाम उत्पादों को बॉयकॉट करने की एक कॉल दी है जिसमें बहुत ज्यादा प्रयोग होने वाले “जिओ मोबाइल के सिम कार्ड भी मौजूद हैं”.
असल मे यह किसान आंदोलन उन कॉर्पोरेट ताकतों के विरुद्ध एक व्यापक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले चुका है जो लंबे वक्त से संसाधनों की लूट कर रहे हैं और व्यापार पर एकाधिकार जमा रहे हैं।
SFI राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि हम, भारत के छात्र भी निजीकरण का उन्माद झेल रहे हैं। मोदी सरकार छात्रों पर डिजिटल शिक्षा को थोप रही है, सिर्फ JIO के कारण. मोदी सरकार जियो विश्वविद्यालय को 1000 करोड़ रुपये दे रही हैं जबकि छात्रों को स्कालरशिप वक्त पर नहीं मिल रही है। देश में जब से एन.डी.ए सरकार ने 2002 में निजिकरण के बिरला-अम्बानी मॉडल को पसारने की कोशिश करी है तब से गरीब को शिक्षा से बहिष्कृत करता अपवर्जन शिक्षा नीति की धुरी बन चुका है. केन्द्रीयकरण और व्यवसायीकरण के पक्ष में यह आक्रामक रूख कोविड काल में एक खतरनाक मोड़ ले रहा है।
इसलिए, यह अम्बानी-अडानी की सरकार को सबक सिखाने का वक्त है। हमें उनको दिखाना है कि हम क्या कर सकते हैं। एस.एफ.आई. – SFI सभी से अनुरोध करता है कि अडानी लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सभी उत्पादों का बहिष्कार करें।