दुखद: पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम का 95 साल की उम्र में निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

आदर्श हिमाचल ब्यूरो,

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मंडी।। पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम नहीं रहे। दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती पूर्व मंत्री ने मंगलवार रात डेढ़ बजे अंतिम सांस ली। सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने इसकी जानकारी दी है। वे 95 वर्ष के थे। तीन दिन पहले ही उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए हिमाचल प्रदेश से दिल्ली लाया गया था।

अनिल शर्मा ने बताया कि पूर्व मंत्री के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से मंडी लाया जा रहा है, जिसे मंडी में बाड़ी में स्थित नए घर में ले जाया जाएगा। यहीं पर विधि विधान से गुरुवार को उनकी शव यात्रा निकाली जाएगी। ऐतिहासिक सेरी मंच पर उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा।

सेरी मंच से उनके पार्थिव शरीर को व्यास नदी के किनारे हनुमान घाट पर ले जाया जा जाएगा, जहां उनकी राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी। परिवार के आग्रह पर शनिवार सुबह पंडित सुखराम को मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट करके दिल्ली भेजा गया था और एम्स में भर्ती कराया गया था।
1991 में बने थे संचार मंत्री

पंडित सुखराम 1960 के दशक से हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सक्रिय थे। वे 1991 में बनी स्वर्गीय नरसिम्हा राव सरकार में संचार मंत्री बने, लेकिन 1996 में संचार घोटाले में नाम आने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले 1985 से 1989 के बीच स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार में भी पंडित सुखराम फूड एंड सिविल सप्लाई मिनिस्टर रहे।

1998 में चुनाव अकेले लड़ा था

1998 का हिमाचल विधानसभा का चुनाव पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस बनाकर लड़ा। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किसी को बहुमत नहीं मिला और सुखराम की पार्टी को फरवरी में हुए चुनाव में 4 सीटें मिलीं। पंडित सुखराम ने अपने विधायकों के दल बदलने के खतरे से बचने के लिए 3 विधायकों को भाजपा जॉइन करवाकर पार्टी को समर्थन दिया और सरकार बनी।

बाद में जून में लाहौल स्पीति की सीट पर जब चुनाव हुए तो हिमाचल विकास कांग्रेस ने यह सीट भी जीती। तब इस सीट से जीते रामलाल मार्कंडेय आज भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।