CAPSI ने सरकार से किया निजी सुरक्षा कर्मियों को “पैरा पुलिस” में अपग्रेड करने का आग्रह 

इज़राइल संकट भारत के लिए करता है एक नई "राष्ट्रीय सुरक्षा संस्कृति" अपनाने की तत्काल जरूरत को रेखांकित - CAPSI 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

Ads

शिमला हाल के दिनों में इज़राइल की घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (CAPSI) ने केंद्र सरकार से सुरक्षा कौशल और अंतरराष्ट्रीय मानकों का ज्ञान प्रदान करके निजी सुरक्षा कर्मियों की भूमिका को पारा पुलिस का दर्जा देने का आग्रह किया है।

निजी सुरक्षा उद्योग के शीर्ष निकाय CAPSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुँवर विक्रम सिंह ने कहा किभारत में मानव और कॉर्पोरेट संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 1 करोड़ से अधिक निजी सुरक्षा पेशेवर कार्यरत हैं। हम विश्व में सबसे बड़े निजी सुरक्षा कार्यबल हैं। अब समय गया है कि सुरक्षा कौशल और अंतरराष्ट्रीय मानकों का ज्ञान प्रदान करके निजी सुरक्षा की भूमिका कोपैरा पुलिसमें उन्नत किया जाए। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने पहले ही निजी सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक विकसित कर लिया है। इन उच्च प्रशिक्षित सुरक्षा पेशेवरों को सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक सुरक्षा में नई भूमिका दी जा सकती है।

 

सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय को निजी सुरक्षा गार्डों और पर्यवेक्षकों को पैरा पुलिस कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए प्रशिक्षित करकेपैरा पुलिसका दर्जा देने पर विचार करना चाहिए, जिससे देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपलब्ध समग्र सुरक्षा कर्मियों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इससे मजबूत और अधिक गोचर सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति होगी, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना पैदा होगी।

CAPSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा निजी सुरक्षा गार्ड, जिनके पास भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा स्थापित मानदंडों के अनुसारपैरा पुलिस प्रशिक्षण है, वे संभावित सुरक्षा खतरों और आपातकालीन स्थितियों पर त्वरित कारवाई करने में सक्षम हैं। वे जोखिमों को कम करने, सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा करने और गंभीर सुरक्षा स्थितियों के दौरान सहायता प्रदान करने में पूरी तरह योग्य एवं सक्षम हैं।

 

 

इज़राइल में हाल के घटनाक्रमों पर जोर देते हुए भारत के लिए एक नईराष्ट्रीय सुरक्षा संस्कृतिअपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री सिंह ने कहा किअनुसंधान में निवेश, हमारे बुनियादी ढांचे को उन्नत, समावेशी संवाद और सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देकर निजी सुरक्षा उद्योग को कानून व्यवस्था के लिए सुदृढ़ किया जा सकता है। इससे उभरते खतरों को सक्रियता से निपटा जा सकता है। साथ ही, देश देशवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। अभी सही समय है कि किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौतियों से बचाव के साथसाथ वैश्विक शांति स्थिरता में सकारात्मक योगदान देने के लिए हमारे देश में एक मजबूतसार्वजनिकनिजी भागीदारी बनाई जाए।

 

 

CAPSI राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा कि इज़राइल की संकटग्रस्त स्थिति आज वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए मौजूद खतरे की याद दिलाता है। भविष्य में ऐसी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। साथ ही, आज राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे की व्यापक समीक्षा की भी आवश्यकता है। इसमें देश की वर्तमान रक्षा क्षमताओं, तकनीकी प्रगति और रणनीतिक साझेदारी का मूल्यांकन भी शामिल होना चाहिए। देश की सुरक्षा कमियों की पहचान करके हमें अपनी सैन्य क्षमताओं को उन्नत करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला की जा सके। इसके लिए हमें अपनी तैयारी बढ़ाने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से संसाधनों का आवंटन करने की आवश्यकता है।

 सिंह ने आगे कहा कि अब समय गया है कि अकादमिक संस्थानों और थिंकटैंकों को राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन शोध करने और पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए सहयोग करना चाहिए। इसमें केवल पारंपरिक युद्ध प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित की जानी चाहिए, बल्कि इसमें साइबर सुरक्षा, खुफिया तंत्र, आतंकवाद विरोधी और संघर्ष समाधान जैसे क्षेत्रों को भी शामिल करना चाहिए। ज्ञान एवं नई तकनीक का प्रयोग करके सुरक्षा पेशेवरों को उभरते खतरों का पूर्वानुमान लगाने और उनसे निपटने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस कर सकते हैं।

सुरक्षा तंत्र में संवाद के जरीय आम आदमी की भागीदारी पर श्री सिंह ने कहा ने कहा कि एक मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार, सेना, खुफिया एजेंसियों और नागरिक के बीच खुले संवाद विकसित करना महत्वपूर्ण है। नियमित ब्रीफिंग, परामर्श और खुले मंच पर विश्वास को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सामूहिक निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है जहां विविध दृष्टिकोणों को सुना जाए और उन पर विचार किया जाए, क्योंकि इससे नवीन समाधान और मजबूत सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

सिंह ने कहा किसार्वजनिक जागरूकता और नागरिक भागीदारी एक मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकारी एजेंसियों को सार्वजनिक अभियानों, सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों और शैक्षिक पहलों के माध्यम से नागरिकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए। सुरक्षा चिंताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों और उनकी भूमिका के बारे में बेहतर समझ को बढ़ाने से उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा कर सकते है।