मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए किसानो को इंश्योरेंस बेस्ट क्रॉप पर जाने की है जरूरत

पूर्व कांग्रेस सरकार के समय फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 को सड्यूल -5 के तहत जनजातीय क्षेत्रों में निरस्त कर हजारो लोगो को नौतोड़ देने की हुई थी प्रक्रिया

बागवानी विभाग के अधिकारियो को फिल्ड में जाकर बागवानों की समस्या हल करने के भी दिए निर्देश

Ads

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने  रामपुर में पत्रकारों को बताया कि मौसम में तेजी से बदलाव आने लगा है इस से बागवानों को नुकसान हो रहा है। सरकार के राहत मैनुअल के हिसाब से नुकसानी का मुआवजा बहुत कम मिलता  है। ऐसे में इंश्योरेंस पॉलिसी में भी  बदलाव की जरूरत है।  ताकि  ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंश्योरेंस के दायरे में लाकर उन्हें आपदाओं के दौरान नुकसानी की समस्या का समाधान हो सके। उन्होंने बताया कि जनजातीय   क्षेत्रों में नौतोड़  से जुड़े मामले को लेकर कांग्रेस की चिंता पुरानी है। पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय में पहली बार  हिंदुस्तान में फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 को शेड्यूल पांच के तहत वर्ष 2018 तक के लिए निरस्त कर जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ से जुड़े मामलो को निपटने का प्रयास हुआ।

यह भी पढ़े:- रणधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर जड़े तीन बड़े आप भी पढे आरोप

पात्र लोगो को नौतोड़  देने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी थी और हजारों मामलो का  जॉइंट इंस्पेक्शन भी हुई। मंत्री ने कहा पांच सौ से अधिक पट्टे उन्होंने  स्वयं बांटे थे। लेकिन  सरकार बदलते ही पिछली प्रदेश सरकार ने इस कानून का फायदा नहीं उठाया और वर्ष 2018 में भाजपा सरकार के समय  मात्र एक नौतोड़ का मामला
स्वीकृत किया। अब कांग्रेस  सरकार ने इस मामले को दोबारा से उठाया है और जल्द से जल्द इस मुद्दे को ले कर आगे  बढ़ेंगे।  मंत्री ने बागवानी विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए की वे फिल्ड में जा कर काम करे।  आने वाले समय में अधिकारियो को रिपोर्ट कार्ड के आधार पर आगे बढ़ने का दिया जायेगा मौक़ा। उन्होंने बताया कोल्ड स्टोरेज संचालक बागवानों से लूट न करे इसे
देखते हुए सरकारी स्तर पर कॉल स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है।