सरकार के उदसीन रवैये के चलते सेब की पांच हजार करोड़ की आर्थिकी पर पड़ रहा प्रतिकूल असर – कांग्रेस

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। किसानों-बागवानों की समस्याओं को लेकर सरकार का रवैया उदासीन और असंवेदनहीन  हैं यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, रमेश सावंत, राविन्दर चौहान , प्रेम ठाकुर , मुन्नीलाल नरसेठ,लोकिन्दर चौहान,प्यारे राम शर्मा, अनिल चौहान, लोकपाल शरकोली, राकेश शर्मा, अनिता चौहान, कमलेश ठाकुर, भोपाल शर्मा, संदीप सेहटा, योगेश शर्मा, कुलदीप चौहान, सुरेश चौहान, कौशल मुंगटा व राहुल शान्टा ने कहीं।

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उन्होंने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये के चलते सेब की ₹5000 करोड़ की आर्थिकी पर प्रतिकूल असर पड़ा हैं। सरकार असमंजस में हैं और निर्णय लेने की बजाय आश्वासन देकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही  हैं। उन्होंने कहा कि बाग़वानी विभाग के पास गुणवत्ता वाली फफूंदनाशक  दवाईयों की भारी किल्लत के चलते सेब की फ़सल दशकों बाद स्कैब की चपेट में आ गई हैं। विभाग के पास दवाइयां उपलब्ध न होने से बागवानों को तिगुणा दाम चुका कर निजी विक्रेताओं से खरीदनी पड़ रही है। इसी तरह सेब की फ़सल को माईट, पतछड़ व कई अन्य बीमारियों ने घेर लिया हैं। उन्होंने सरकार से बागवानों की मांग अनुरूप दवाइयां उपलब्ध करवाने की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि ढली मंडी के भट्टाकुफर में नीलामी स्थल का उद्धघाटन वर्ष 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और नरेन्दर बरागटा द्वारा किया गया था और जब उद्धघाटन हो रहा था तो उस समय भी नीलामी स्थल पर पत्थर और कंकड गिर रहे थे।

नीलामी स्थल में पत्थर गिरने के बारे में उस समय अख़बारों ने भी प्रमुखता से मामलें को उठाया था। उन्होंने सरकार से  नीलामी स्थल के ग़लत चयन में जिम्मेवारी तय करने की मांग की हैं। ग़लत स्थान चयन करने से जनता के ₹15 करोड़ रुपये का दुरूपयोग हुआ हैं। बाग़वानो को सरकार से हर मोर्चे पर निराशा हाथ लगी हैं। सरकार की मजदूरों को सरकारी ख़र्च पर नेपाल से सेब बाहुलिय क्षेत्र में लाने की बात जुमला साबित हुई हैं। बाग़वान निजी ख़र्चे पर मजदूरों को दूसरे प्रदेशों से लाने को मजबूर हैं वहीं उन्हें संस्थागत संगरोध केंद्र में रखा जा रहा हैं जिससे बागवानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने के साथ-2 मजदूरों में भय पैदा हो गया  हैं। इसी भय के चलते मजदूर प्रदेश में नही आ रहे।

उन्होंने कहा कि मजदूरों को भयमुक्त माहौल मिल सके इसके लिए ठेकेदारों/बागवानों पर मजदूरों को होम क्वारन्टीन करने की जिम्मेवारी डाली जाए। ढ़ली सब्जी मंडी के बन्द हो जाने और कोरोना के चलते पराला और रोहड़ू मंडी पर अतिरिक्त भार पड़ गया है, ऐसे में बागवानों को घर द्वार सेब विक्रय करने की दृष्टि से कांग्रेस सरकार द्वारा जुब्बल में स्थित अणु मंडी को अस्थाई तौर पर शुरू किया जाए ताकि बागवानों को सेब विक्रय का विकल्प मिल सकें। सेब सीजन प्रारंभ हो चुका हैं परन्तु सरकार के ढुलमूल रवैये के चलते सेब बाहुलीय क्षेत्रों में सड़को की दशा दयनीय बनी हुई हैं।