प्रदेश में बारिश के बाद तबाही का मंजर, शिमला से मणिकर्ण तक बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं

शिमला: प्रदेश में भारी बारिश के बाद कई स्थानों पर आम जनमानस को मौसमी आपदा का सामना करना पड़ा। पिछली रात के बाद प्रदेश के कई स्थानों पर बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं रिपोर्ट की गई। राजधानी शिमला में मंगलवार देर रात लगातार भारी बारिश का क्रम जारी रहा और भारी बारिश के चलते शिमला के ढली इलाके में भूस्खलन हो गया। भूस्खलन की वजह से सड़क किनारे सो रही एक युवती की मौत हो गई, जबकि इस हादसे में दो अन्य लोग घायल हैं. घायलों का इलाज आईजीएमसी में चल रहा है.

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जानकारी के मुताबिक यह युवतियां मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं और सड़क किनारे दवा बेचने का काम करती हैं. मृतक की पहचान 14 वर्षीय करीना के रूप में हुई है, जबकि 16 वर्षीय आशा और 14 वर्षीय कुलविंदर भूस्खलन की चपेट में आने से घायल हुई हैं।

इसके अलावा प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों की बात करें तो जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में चोज नाला में बादल फट गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चोज़ गांव में बना पुल व लोगों के मकानों समेत करोड़ों की प्रॉपर्टी पानी में बह गई है । इन मकानों में लोग भी रहते थे मगर कितना नुकसान हुआ है या कितने लोग पानी में बह गए हैं इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता क्योंकि अभी भी वहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।

प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही बारिश ने कहर बरपाना भी शुरू कर दिया है। अंधाधुन बारिश के चलते झाकड़ी के समीप ब्रोनी खड्ड के पास,भूस्खलन होने से एन एच 5 आज सुबह से बंद है। जिसके बाद किन्नौर के लिए संपर्क मार्ग बंद हो गया है। तो वहीं ग्राम पंचायत छलाल के गांव चोज में भी बादल फटने से बाढ़ आ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 4-6 लोगों व 05 गाय और बछड़े के बहने की सूचना प्राप्त हुई है।

बारिश जहां एक और गर्मी से राहत की वजह बन कर आई तो वही बारिश ने अपने कहर से प्रदेश के कई हिस्सों को नुकसान भी पहुंचाया है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से बादल फटने भूस्खलन और बाढ़ जैसी भयंकर आपदा की खबरें सामने आ रही है लिहाजा इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन की जिम्मेवारी भी बढ़ जाती है।