दुर-दराज के गांव और दूर्गम क्षेत्रों में अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। भारतीय संसदीय संस्थान- जनसंख्या एवं विकास तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के संयुक्त तत्वधान में पीटर हॉफ शिमला में भारत में कोविड़ अवधि के दौरान और इसके बाद के समय में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार में सांसदो एवं विधायकों की भागीदारी विषय पर आयोजित एक कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कोरोना महामारी ने प्रदेश, देश व दुनिया की ऑखें खोल दी हैं और यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम कहां खड़े हैं और हम इस तरह की भयावह स्थिति को संभालने में कितने सक्षम है ।  पठानिया ने कहा कि इस महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। हांलाकि हम इस स्थिति से काफी ऊभर चुके हैं लेकिन अभी भी यह बिमारी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है अभी भी ऐतिहात भरतने की जरूरत है। पठानिया ने कहा कि ऐसी स्थिति में भविष्य में निपटने के लिए हमें अपने आप को अभी से तैयार रखना होगा तथा स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित अधारभूत ढ़ाचे  को मजबूत करना होगा तथा आधुनिकतक प्रणाली अपनानी होगी ।

 पठानिया ने कहा कि हिमाचल के लोग मेहनतक्श हैं, काम में विश्वास रखते है जिससे यहां के लोगों की  Immunity  बाकि प्रदेश के लोगों से बेहतर है । यही कारण है कि हम  अपने लोगों का बचाव कर सकें हैं। पठानिया ने कहा कि हमें सरकारों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि सामाजिक संगठनों तथा व्यक्तिगत रूप में भी लोगों को अपना योगदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए । पठानिया ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जो लोगों की दूर्दशा हुई है वह किसी से छिपी नहीं है। पठानिया ने कहा कि उन्होंने स्वंय दूसरे राज्यों में इस घोर संकट के दौरान फसें लोगों को निकालने में भरसक प्रयत्न किया तथा बहुत सारों को सुरक्षित अपने घरों तक पहुंचाने में सफलता भी मिली।

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 पठानिया ने कहा कि हांलाकि हमारे प्रदेश ने काफी प्रगति की है तथा स्वास्थ्य संस्थानों तथा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने में बेजोड़ प्रयास किये जा रहे है लेकिन अभी भी यह नाकाफी है ।  पठानिया ने कहा कि दुरदराज के गांव तथा दूर्गम क्षेत्रों में अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं की  कमी है। अभी भी हमारे अस्पतालों  में रेफरल हॉस्पिटल, प्राथमिक  स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टॉफ की बहुत कमी है जिन्हें भरना बहुत जरूरी है।  पठानिया ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है तथा इस दिशा में ध्यान देना परम् आवश्यक होगा।  पठानिया ने कहा कि स्वास्थ्य का ढ़ाचा आधुनिक करना बहुत जरूरी है तथा नये से नये उपकरण तथा बढ़ती जनसंख्या के देखते हुए इनमें बृद्धि करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है ।

 इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री  ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे तथा उन्होंने भी कार्यशाला को सम्बोधित किया। इस अवसर पर भारतीय संसदीय  संस्थान जनसंख्या एवं विकास की उपाध्यक्ष विप्लव  ठाकुर, संस्थान के कार्यकारी सचिव मनमोहन शर्मा, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री (कर्नल)  धनी राम शांडिल , शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव  आशीष बुटेल तथा दर्जनों विधायक शामिल थे ।