शिव अराधना के लिए सर्वोत्तम है सावन का महीना, हिमाचल में सावन का पहला सोमवार 20 जुलाई को

16 जुलाई से शुरू हो रहा सावन, कोविड-19 के कारण इस साल मंदिरों में नही हो पाएगी धूमधाम

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
कांगड़ा/शिमला। शिव अराधना के लिए सर्वोत्तम है सावन का महीना, हिमाचल में सावन का पहला सोमवार 20 जुलाई को
हर वर्ष शिवभक्त बड़ी उत्सुकता से श्रावण माह का इंतजार करते हैं । हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष सावन माह की शुरुआत सक्रांति अर्थात् 16 जुलाई से हो रही है, जिसके बाद इस महीने आने वाले सोमवार को व्रत और त्योहार भी शुरू हो जायेंगे। लेकिन इस बार कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुये, श्रावण माह में हर साल की तरह मन्दिरों में धूमधाम देखने को नहीं मिलेगी ।

कांगड़ा का प्रसिद्ध शिव मंदिर
कांगड़ा का प्रसिद्ध शिव मंदिर
सावन का महीना शिव की अराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है । ऐसी भी मान्यता है कि जो भक्त इस महीने में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें भोलेनाथ की असीम कृपा मिलती है। सावन का पहला सोमवार 20 जुलाई को होगा।
यह भी पढ़ें: चम्बा-भरमौर मार्ग पर रेत से भरी जीप गिरी नदी में, उड़े परखच्चे, गाड़ी सवारों ने छलांग लगा बचाई जान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है । इस महीने में भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है शिवभक्त गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। श्रावण या सावन महीने को सर्वोत्तम माह कहा जाता है।
कांगड़ा के बैजनाथ में है प्रसिद्ध शिवमंदिर
कांगड़ा के बैजनाथ में है प्रसिद्ध शिवमंदिर
पौराणिक तथ्य बताते हैं कि भगवान शिव के भक्तों के लिये यह महीना इसलिये भी खास है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ सावन के महीने में धरा पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे; जहाँ पर उनका स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था । प्रत्येक वर्ष सावन माह में महादेव अपनी ससुराल जाते हैं। भू-लोक वासियों के लिए भोलेनाथ की कृपा पाने का यह उत्तम समय होता है।
शिव पुराण में उल्लेख है कि भगवान शिव स्वयं ही जल हैं। इसलिए जल से उनकी अभिषेक के रूप में अराधना सर्वोत्तम फल है । ऐसा भी आख्यान है कि इस महीने में भगवान शंकर की पूजा करने और उनके लिए व्रत रखने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।

जिला काँगड़ा के बैजनाथ में शिव मन्दिर और महाकालेश्वर, इंदौरा के काठगढ़, देहरा के कालेश्वर महादेव, धर्मशाला के नजदीक अघंजर महादेव, प्राकृतिक शिव मन्दिर त्रिलोकपुर इत्यादि धार्मिक स्थलों पर इस महीने में शिवभक्तों का काफी आना-जाना रहता है।

Ads

शिवमंदिरों में भक्तों का हर-हर महादेव का जय घोष और भोलेनाथ के प्रति उनकी अटूट आस्था देखते ही बनती है । बरसात का मौसम भी शिवभक्तों के उत्साह और भोलेनाथ के प्रति उनके मन में भक्तिभाव में किसी तरह की कमी नहीं आने देता। सावन के पहले सोमवार से ही मन्दिरों में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के दर्शनों और पूजा के लिए भक्त पंक्तिबद्व होकर बारी की प्रतीक्षा करते हैं।
इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण भक्तों को अपने घरों में रहकर ही सावन में शिवार्चना करनी होगी। महाकाल के भक्तों को पूरी उम्मीद है कि भगवान शिव के आशीर्वाद और सब के सहयोग से शीघ्र ही विश्व कठिन समय से बाहर निकलने में सफल रहेगा।