आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं विधायक रणधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार पर आपदा राहत को लेकर गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2025 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बावजूद कांग्रेस सरकार निष्क्रिय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में प्रदेश के सभी जिलों को नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार की ओर से केवल मंडी जिले के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की गई है, जो अन्य जिलों के साथ पक्षपात है। रणधीर शर्मा ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक 1,736 मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त, 7,000 से अधिक मकान आंशिक रूप से प्रभावित, लगभग 8,000 पशुशालाएं ध्वस्त हुई हैं, जबकि करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग लापता हैं। इसके बावजूद सरकार ने अब तक कोई समग्र रणनीति नहीं अपनाई है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 की आपदा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करते हुए पूर्ण क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1 लाख रुपये की सहायता देने की बात कही थी। लेकिन इस बार वैसा कोई समग्र पैकेज सामने नहीं आया। रणधीर शर्मा ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी जैसे राष्ट्रीय नेताओं ने आपदा के दौरान न तो हिमाचल का दौरा किया और न ही पीड़ितों से मिलकर कोई संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को “राजनीतिक पर्यटक” करार दिया जो केवल हसीन वादियों का आनंद लेने आ रहे हैं।
वहीं, उन्होंने भाजपा की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित सभी भाजपा सांसदों व विधायकों ने आपदा को गंभीरता से लिया और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने 1,500 करोड़ रुपये की राहत राशि की घोषणा की, जबकि NDRF, SDRF और SDMF के तहत 1,038 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी राज्य को पहले ही मिल चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार अब तक इस राहत राशि का उचित उपयोग भी नहीं कर सकी है, सड़कें टूटी पड़ी हैं, कई गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति अब तक बहाल नहीं हो सकी है। रणधीर शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही सभी जिलों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई, तो भारतीय जनता पार्टी जन आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगी।