शिमला रोपवे प्रोजेक्ट को मिली केंद्र की मंज़ूरी, परिवहन में आएगा क्रांतिकारी बदलाव

0
7

आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। राज्य की राजधानी शिमला में शहरी परिवहन को आधुनिक और हरित स्वरूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि शिमला रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से वन अधिनियम, 1980 के तहत चरण-1 की स्वीकृति मिल गई है। उप-मुख्यमंत्री ने इसे शिमला शहर के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि यह परियोजना लगभग 13.79 किलोमीटर लंबी रोपवे लाइन के निर्माण का लक्ष्य रखती है, जो शिमला के प्रमुख स्थलों को जोड़ेगी। परियोजना की अनुमानित लागत ₹1734.70 करोड़ है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से जहां शहर में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या में कमी आएगी, वहीं यह पर्यावरण के अनुकूल हरित परिवहन समाधान भी प्रदान करेगी और साथ ही, यह परियोजना स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।

इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि परियोजना के लिए 6.1909 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की सैद्धांतिक मंज़ूरी दी गई है और सभी पर्यावरणीय और संवैधानिक प्रावधानों का पूर्ण पालन किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार, विशेष रूप से पर्यावरण मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी तत्परता से यह महत्वाकांक्षी योजना आगे बढ़ सकी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और सभी निर्माण कार्य वन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किए जाएंगे। उप-मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह रोपवे परियोजना शिमला के परिवहन ढांचे में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाएगी और राज्य सरकार के ‘हरित और आधुनिक हिमाचल’ के संकल्प को मजबूती प्रदान करेगी।