1000 से ज्यादा “बाल प्रत्याशी” बनेंगे डिजिटल बाल मेला के संवाद सत्र का हिस्सा

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आदित्य शर्मा

शिमला। गुरुवार 18 मई को डिजिटल बाल मेला के अभियान बच्चों की सरकार कैसी हो? के तहत विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया जाएगा. इस सत्र में बतौर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष  प्रतिभा सिंह 1000 से ज्यादा बच्चों से रूबरू होंगी। “लोकतंत्र में राजपरिवारों की भूमिका” विषय पर चर्चा करते हुए वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा “बाल सत्र” के बाल विधायक दावेदारों से अपना राजनीतिक सफ़र एवं सफलता मंत्र साझा करेंगी।

गूगल मीट के माध्यम से होने वाले इस सत्र में हिमाचल प्रदेश के विद्यालयों के साथ देश के अन्य राज्यों के बाल प्रत्याशी भी मौजूद रहेंगे और उन्हें मुख्य अतिथि से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सांसद प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश की प्रमुख महिला नेत्रियों में से एक है, और तीन बार मंडी लोकसभा सीट से सांसद चुनी जा चुकी है. वर्तमान में वह लोकसभा सांसद के साथ ही हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर प्रदेश का कार्यभार संभाल रही है। सिंह हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी एवं वर्तमान में हिमाचल कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की माँ है।

डिजिटल बाल मेला की को-फाउंडर प्रिया शर्मा ने बताया कि दोपहर 12 बजे आयोजित यह सत्र एल.आई.सी द्वारा प्रायोजित एवं हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वाधान में हो रहे अभियान बच्चों की सरकार कैसी हो? का हिस्सा है. 12 जून को होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा “बाल सत्र” का आयोजन भी इस अभियान के तहत ही किया जाएगा। इस विशेष बाल सत्र में 8-17 वर्ष के 68 बाल विधायक शिरकत करेंगे और बाल मुद्दों पर अपनी आवाज़ मुखर करेंगे।
सत्र का आयोजन शिमला स्थित विधानसभा भवन में किया जाएगा, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि एच.पी विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया एवं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल होंगे, और बच्चों का मनोबल बढ़ाएंगे. अब तक इन संवाद सत्रों से हिमाचल प्रदेश के 15,000 से भी ज्यादा बच्चे जुड़ चुके है।

बता दें कि डिजिटल बाल मेला की शुरुआत बच्चों के हाथ में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के सकारात्मक इस्तेमाल के लिये की गयी है। जयपुर के सवाई मानसिंह विद्यालय में पढ़ने वाली 13 साल की जाह्नवी शर्मा ने वर्ष 2020 में इस नवाचार की नींव रखी। हिमाचल प्रदेश से पहले राजस्थान 14 नवंबर 2021 को इस विशेष बाल सत्र का साक्षी बन चुका है. राजस्थान विधानसभा “बाल सत्र” में 200 बाल विधायकों ने प्रश्नकाल और शून्य काल की कार्यवाही का संचालन किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी जोशी ने बच्चों को ये ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया था।