आदर्श हिमाचल ब्यूरो
कुल्लू: कुल्लू जिला में केन्द्र सरकार की अनेक योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जिला में 28,070 लोगों के कार्ड बनाए गये हैं। पिछले तीन सालों के दौरान 12600 लोगों के उपचार पर लगभग 13 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने यह जानकारी वीरवार को प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) शिमला द्वारा मीडिया के साथ आयोजित ‘वार्तालाप’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। कार्यक्रम में पिं्रट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जिला ब्यूरो सहित सोशल मीडिया के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में केन्द्र की अधिकांश योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। केन्द्र सरकार की जन कल्याण व विकास से जुड़ी सभी योजनाएं धरातल पर पहुंचे और अंतिम छोर पर बैठे अंतिम व्यक्ति को इनका समुचित लाभ मिल सके, इसके लिये सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने में मीडिया की अह्म भूमिका है। आज के दौर में सूचना के अनेक माध्यम मौजूद हैं, लेकिन यह निर्भर करता है कि सूचना प्रदाता कौन है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं हैं जो समाज के बड़े तबके को लाभान्वित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जिला में हस्तशिल्प और हथकरघा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं और हस्तशिल्प विभाग के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाएं यहां के दस्तकारों की आर्थिकी में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
जिलाधीश ने पीआईबी के वार्तालाप कार्यक्रम को बहुउपयोगी बताते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि मीडिया पीआईबी के बारे में बारीकी के साथ जान सके और सरकार की योजनाओं को सुविधापूर्वक जनता तक पहुंचाने की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन अच्छे से कर सके।
पीआईबी शिमला के उप-निदेशक तारीक अहमद ने उपायुक्त का स्वागत किया तथा उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि पीआईबी के वार्तालाप कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया को केन्द्र सरकार की हिमाचल प्रदेश में प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर इनके उपयुक्त प्रचार-प्रसार के बारे में मंथन व विचार विमर्श करना है। उन्होंने कहा कि पीआईबी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, नवोन्मेष तथा उपलब्धियों पर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सूचना प्रसारित करने के लिये भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वार्तालाप पूर्व में धर्मशाला में आयोजित किया जा चुका है और प्रदेश के लगभग सभी 12 जिलों को कवर करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार की अनेकों योजनाएं हैं जिनका लाभ समाज के बहुत बड़े हिस्से को हो रहा है। इसके लिये यह जरूरी है कि गांव तक लोगों में इन योजनाओं की जानकारी हो। उन्होनें कहा कि सरकार की योजनाओं पर मीडिया के माध्यम से सफलता की कहानियों का जब प्रसार होता है तो निश्चित तौर पर लोगों के लिये इससे बहुत उपयुक्त जानकारी प्राप्त होती है।
पीआईबी चण्डीगढ़ के उपनिदेशक हितेश रावत ने प्रेस सूचना ब्यूरो के क्रियाकलापों और गतिविधियों के बारे में जानकारी सांझा करते हुए कहा कि पीआईबी सरकार और मीडिया के बीच एक इंटरफेस है जो दोनों के बीच संचार की सुविधा प्रदान कता है। भारत सरकार की नीतियों व उपलब्धियों के बारे में मीडिया को सूचना प्रदान करने की प्रमुख एजेन्सी है। कार्यालय की अपनी वेबसाइट है जिसके माध्यम से सूचना की व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। यह वैबसाइट देश के मध्यम व छोटे समाचार पत्रों के लिये सूचना का महत्वपूर्ण स्त्रोत है, जिसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिये निरंतर प्रयास जारी हैं। पत्र सूचना कार्यालय का फीडबैक प्रकोष्ठ समाचारों और संपादकीय टिप्पणियों के आधार पर समाचारों और विचारों का एक दैनिक डायजेस्ट तैयार करता है जिसे प्रिंट मीडिया में दर्शाया जाता है। कार्यालय की अलग से फीचर इकाई है। उन्होंने कहा कि पत्र कार्यालय द्वारा इंट्रा पीआईबी, इंट्रानेट वेबपोर्टल को नई विशेषताओं सहित सुसज्जित किया गया है जिनमें क्लिपिंग सेवा, आंतरिक प्रयोग के लिये लिंक प्रदान करना शामिल हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र ने स्वास्थ्य क्षेत्र में केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करना है। संस्थगत प्रसव के दौरा 1100 रुपये की राशि महिला को प्रदान की जाती है जबकि घर में प्रसव के लिये 500 रुपये दिये जाते है। इस योजना के तहत पिछले तीन सालों में 2927 लाभार्थियों को 24 लाख रुपये की राशि वितरित की गई है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं का निशुल्क उपचार किया जा रहा है। योजना के तहत 1.30 करोड़ की राशि खर्च की गई है।
राष्ट्रीय निशुल्क उपचार सेवा के तहत सभी मरीजों के टेस्ट मुफ्त किये जा रहे है। जिला में 82 हजार मरीजों के परीक्षण पर तीन सालों में 1.04 करोड़ रुपये व्यय किये गए हैं। राष्ट्रीय एड्स कार्यक्रम के तहत एचआईबी से ग्रसित 158 बच्चों को के खातों में मासिक 300 रुपये से लेकर 800 रुपये तक की राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने अन्य योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
खादी एवं ग्रामोद्योग के प्रबंधक विवेक शर्मा ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी सांझा करते हुए कहा कि सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। निर्माण क्षेत्र में 25 लाख से 50 लाख रुपये का ऋण प्रदान करने का प्रावधान है। शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत अनुदान जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 25 से 35 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। खास बात यह है कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये न ही काई आयु सीमा है और न ही किसी प्रकार शैक्षणिक योग्यता जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में ऊन पिंजाई के केन्द्र स्थापित किये गये हैं।
हथकरघा व हस्तशिल्प के सहायक निदेशक संतोष आनंद ने हस्तशिल्प विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प सेवा केन्द्र दस्कारों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिये कार्य करने वाले एक नोडल एजेन्सी है। यह शिल्पकारों को विपणन समर्थन व सेवाएं, हस्तशिल्प क्षेत्र में कौशल विकास, ढांचागत एवं तकनीकी समर्थन तथा अनुसंधान एवं विकास के लिये कार्य कर रही है। शिल्पकारों के पहचान कार्ड बनाने के अलावा जागरूकता कार्यक्रमों पर बल दिया जा रहा है।
वार्तालाप के दौरान मीडिया के सदस्यों ने विभिन्न मद्दो पर सवाल जबाव भी किये। परस्पर संवाद का यह सत्र काफी दिलचस्प रहा। मीडिया के सदस्यों ने कार्यक्रम को और विस्तृत रूप देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया की फील्ड यात्राएं कार्यक्रम में शामिल की जानी चाहिए।