निरमण्ड की 19 वर्षीय मिताली डॉक्टर बनकर करेगी सेवा,  डॉ० राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के लिए हुआ चयन

0
4
मिताली
मिताली

दीवान राजा 

ज़रुरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो ,बेटियां भी घर में उजाला करती है ।
इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है परशुराम नगरी निरमण्ड के भालसी गांव की मिताली ने ।
आज देवभूमि की बेटियां शिक्षा,खेल,राजनीति,विज्ञान,रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में निरन्तर आगे बढ़कर क्षेत्र का नाम रोशन कर रही हैं ।
किसान परिवार में मुकेश और चांदा देवी के घर जन्मी मिताली का बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था । डॉक्टर बनकर समाज सेवा करने का जुनून मिताली को सफ़लता दिला गया ।
19 वर्षीय मिताली का चयन डॉ० राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के लिए हुआ है ।
मिताली ने अपनी कक्षा दसवीं व बाहरवीं की शिक्षा राजकीय राजमाता शांतिदेवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निरमण्ड से करने के बाद डॉक्टर बनने के लिए तैयारियां शुरू की ।
बीच में स्वास्थ्य थोड़ा ख़राब रहने के कारण पहले प्रयास में मिताली के हाथ सफ़लता न लग पाई लेकिन मिताली का जुनून और आत्मविश्वास डगमगाया नहीं ,दूसरे प्रयास में अच्छे अंकों के साथ अपना व परिजनों का सपना पूरा कर लिया ।
बेटी की उपलब्धि पर जहां परिजनों में खुशी का माहौल है वहीं पूरे निरमण्ड क्षेत्र में इस उपलब्धि के लिए परिजनों समेत मिताली को शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा है ।
ग्राम पंचायत भालसी के प्रधान विदेश निगम ने मिताली समेत माता-पिता को बधाई देते हुए कहा कि ये न केवल ग्राम पंचायत भालसी के लिए गौरव का क्षण है अपितु समूचे निरमण्ड क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है ।
उन्होंने कहा कि इस तरह की उपलब्धियों से अन्य युवाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है ।
वहीं,आनी टुडे से हुई बातचीत में मिताली ने कहा कि कोई भी लक्ष्य बड़ा और मुश्किल नहीं होता ,अगर आप विद्यार्थी जीवन से ही अपना लक्ष्य निर्धारित करके पूरे अनुशासन से उसे पूरा करने की ठान लेते हैं तो एक दिन मंज़िल ज़रूर मिल जाती है ।