मुख्यमंत्री बोले … वाटर सेस को लाने में सरकार की कोई राजनीतिक मंशा नहीं
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस साल अक्टूबर महीने तक 200 मैगावाट सोलर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस बिजली के उत्पादन से फिर हिमाचल को दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं होना पडेगा। खासकर सर्दियों के दिनों में प्रदेश को दूसरे राज्यों से बिजली की खरीद करनी पडती है वो आगे नहीं करनी होगी। यह एलान मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को विधानसभा मंे किया। उन्होंने कहा कि 9 महीने के रिकॉर्ड समय में 200 मैगावाट सोलर पावर का उत्पादन किया जाएगा जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है।
वाटर सेस बिल को लेकर चली चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार को संसाधन जुटाने की जरूरत है जिसके लिए कडे कदम उठाए जा रहे हैं। इससे परेशानी तो होगी मगर आने वाला समय बेहतरीन जरूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सर्दियों में अक्टूबर से मार्च महीने तक प्रदेश को 7 रूपए प्रति यूनिट तक बिजली की खरीद करनी पडती है। अपनी सोलर पावर होगी तो यह जरूरत नहीं पडेगी क्योंकि हाइडो पावर का उत्पादन उस समय में कम हो जाता है। सीएम ने कहा कि राज्य के हित में जो भी हो सकेगा वो किया जाएगा। मंत्री रात को भी काम करते हैं जो आगे भी करेंगे क्योंकि राज्य का हित देखना है। उन्होंने कहा कि वाटर सेस को लाने में सरकार की कोई राजनीतिक मंशा नहीं है।
सीएम ने कहा कि हिमाचल में पावर पॉलिसी में भी बदलाव किया जाएगा। इसे लेकर अधिकारी काम कर रहे हैं और दूसरे राज्यों के मुकाबले एक बेहतरीन पॉलिसी यहां पर दी जाएगी जिससे पावर सेक्टर में भी निवेश बढे।
सीएम ने कहा कि सरकार वाटर सेस के लिए अध्यादेश लाई और ये इसलिए जरूरी था कि सालों से हम अपने अधिकार से वंचित थे। पानी पर सेस लगाना राज्य का अधिकार है और पानी हिमाचल का बहता सोना है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार ने वाटर सेस को लेकर सराहना की है। उनका कहना था कि 172 बिजली परियेाजनाओं को आयोग में पंजीकरण करवाना होगा। हिमाचल के लोगों को कोई दिक्कत ना हो इसे ध्यान में रखा जाएगा और हिमाचली उत्पादकों को राहत प्रदान की जाएगी। सीएम ने सिंचाई के लिए दूसरे राज्यों द्वारा उपयोग में लाए जा रहे पानी पर भी सेस कैसे लगे इस सुझाव को बेहतरीन बताया और कहा कि सरकार इस दिशा में ध्यान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हक को लेने के लिए जो भी करना पडेगा वो किया जाएगा। संसाधन जुटाने के लिए सरकार कई उपयोग कदम आने वाले समय में उठाएगी यह तय है।