हिमाचल सरकार के प्रयासों से 21 बच्चों को मिला नया परिवार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| हिमाचल प्रदेश सरकार की सक्रिय पहल के चलते शिमला के शिशु गृह टूटीकंडी में दो ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दत्तक ग्रहण संपन्न हुआ। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने सोमवार को इन बच्चों को उनके भावी माता-पिता को सौंपा। इनमें से एक बच्चे को उत्तराखंड के दंपति ने गोद लिया जबकि दूसरा बच्चा उत्तर प्रदेश के दंपति के संरक्षण में गया। प्रदेश में बच्चों के दत्तक ग्रहण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं, जिनके परिणामस्वरूप 20 दिसंबर 2022 से लेकर अब तक कुल 21 बच्चों को नए परिवारों में स्थानांतरित किया जा चुका है इसी तरह उपायुक्त अनुपम कश्यप ने समाज के समृद्ध और जागरूक वर्ग से अपील की है कि वे शिशु गृहों और बाल आश्रमों में पल रहे बच्चों को गोद लेकर उनके उज्ज्वल भविष्य में सहायक बनें।

दत्तक ग्रहण प्रक्रिया और नियम

बच्चों को गोद लेने के लिए भारतीय नागरिकों, एनआरआई और विदेशी नागरिकों के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) द्वारा निर्धारित कड़े नियम हैं। इन नियमों के तहत दंपत्तियों को पंजीकरण, होम स्टडी रिपोर्ट, संदर्भ स्वीकृति, और बच्चे की देखभाल की अवधि पूरी करनी होती है। इसके बाद ही कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बच्चे को स्थायी रूप से गोद लिया जाता है। इसी दौरान गोद लेने वाले माता-पिता को आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, और पारिवारिक स्थिति के आधार पर जांच से गुजरना पड़ता है और साथ ही, प्रक्रिया के दौरान विभिन्न आवश्यक दस्तावेज जमा करना भी अनिवार्य है।

प्रदेश सरकार का संकल्प

हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से बच्चों के अधिकारों और उनके बेहतर जीवन के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल ने बताया कि आवेदन करने वाले माता-पिता को मेरिट के आधार पर चयनित किया जाता है और अधिनियम के नियमों का पालन करते हुए दत्तक ग्रहण प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस दौरान उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित, स्नेहिल और खुशहाल परिवार प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग को इस नेक काम में आगे आना चाहिए ताकि अनाथ बच्चों को परिवार का प्यार और संरक्षण मिल सके।