न्यायालय परिसरों में ट्रांसजेंडर और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए 52 शौचालयों की सुविधा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। लोक निर्माण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार हिमाचल प्रदेश ने सार्वजनिक न्यायालय और ट्रिब्यूनल परिसरों में ट्रांसजेंडर व विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधाएं उपलब्ध कराने में देश में अग्रणी राज्य का दर्जा प्राप्त किया है। इस वर्ष 9 अक्टूबर तक शिमला, कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, मंडी, चंबा और किन्नौर के न्यायालय परिसरों में कुल 52 शौचालय बनाए गए हैं, जिनमें से 27 ट्रांसजेंडर और 25 विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए हैं, वहीं, सिरमौर, कुल्लू और अन्य न्यायालय परिसरों में 34 शौचालय निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, भूमि उपलब्ध होते ही इस वर्ष 13 और शौचालय निर्मित किए जाएंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार इस परियोजना के लिए लगभग 1.50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि शेष शौचालय निर्माण के लिए 1.13 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जल्द जारी की जाएगी। इस कार्य की निगरानी के लिए न्यायमूर्ति सत्ययेन वैद्य की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें मुख्य सचिव, प्रधान सचिव वित्त, सचिव लोक निर्माण, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता शामिल हैं। निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के नेतृत्व में उप-समिति भी बनाई गई है, जो न्यायिक फोरम और विशेष जरूरतमंदों के लिए सुविधाओं के निर्माण तथा देखभाल सुनिश्चित करेगी।