आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। वैश्विक कोरोना महामारी अब तीसरे ब्लैक फंगस के रूप में दस्तक देने वाली है, जो समूह विज्ञानिकों एवं भारत के लिए भी मुसीबत बन गई है। जिसका मुकाबला करने की शक्ति मात्र प्राकृतिक ऑक्सीजन में है, जिसकी आपूर्ति केवल और केवल घरेलू संजीवनी वाटिका से ही की जा सकती है। यह दावा पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न नन्दा स्मृति में संचालित देश की चर्चित संस्था गुलजारीलाल नन्दा फाउंडेशन के चेयरमैन कृष्णराज अरुण ने किया है। उन्होंने कहा है कि संस्था 5 जून से देशभर में जनजागरूकता अभियान शुरु करेगी। देशभर से जो लाखों लोग फाउंडेशन की जुड़ी 18 संस्थाओं के समर्थक सोशल मीडिया से पहले ही जुड़े हुए हैं उनके पास सह-चित्र एक साथ यह सूचना प्रसारित हो जाएगी।
*प्रकृति में हर तरह की है ताकत*:
चीन द्वारा यह कहने कि कोरोना वायरस उनकी देन नहीं बल्कि प्राकृतिक है, जिसको लेकर नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत जापान के प्रसिद्ध विज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. तासुकु होंजो दावा कर चुके हैं कि कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं चीन द्वारा छोड़ा हुआ वायरस है। विज्ञान गवाह है कि जो कुछ भी प्राकृतिक हो उसकी कभी काट नहीं होती, लेकिन जो वस्तु किसी व्यक्ति द्वारा तैयार की जाती है उसकी काट प्राकृतिक तौर पर संभव है।
कौन से पौधे लगाए जाएं घरेलू वाटिका में:
घरों के आंगन में व्यवस्था अनुसार गमलों को रखे, उनमें ऐसे पौधे लगायें जिनसे 24 घंटे ऑक्सीजन पैदा हो, हर तरह के संक्रमण और ग्रहदोष दूर हो सकें। तुलसी, आम, नींबू, शम्मी, आंवला, अशोका, नीम, पॉम, केला, पीपल, गिलोय, धनिया, पुदीना, अमरूद, सफेद मदार में वहः शक्ति है जो रोग मुक्त हवा देने में सवार्धिक आगे है। उल्लेखनीय है कि गमलों की जगह घर में टूटी हुई बालटियों, आम लकड़ी की पेटियों का भी प्रयाग किया जा सकता है।
लॉकडाउन में घरेलू वाटिका तैयार करना आसान:
*वास्तु विज्ञान 5 हजार साल पहले वेद से निकलकर आया है* जिससे घरेलू दोषों का निवारण हुआ वहीं आफिस भी सुरक्षित हो सके हैं। घरेलू संजीवनी से हर दोष का निवारण हुआ है। कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाना पड़ा, हालांकि इससे पूरे देश की आर्थिकता को नुकसान हुआ लेकिन उस समय को यद्यपि घरेलू वाटिका तैयार करने में बिताया जाए तो हर मुशिकल का समाधान किया जा सकता है। वास्तु दोष हटने व घर सुंदर दिखने लगेगा, घर में नेगेटीविटी दूर होगी, साफ व सुगंधित हवा हर कमरे में होगी, इस वाटिका में आप फल-सब्जियां घर में ही पैदा हो सकेंगी जो पूर्ण जैविक होंगी। बड़ी और सुव्यवस्थित वाटिका धन धान्य कारोबार बढ़ाने में मददगार भी होगी।
*पीपल पेड़ के नीचे बैठने से लेटने से आकक्सीजन* अरुण ने कहा कि पीपल में चमत्कारिक रिजल्ट है। गिलोय मिलाकर पीपल पत्ते का काढ़ा बेहद प्रभावपूर्ण है ।
*फाउंडेशन ने किया दावा:*-
चेयरमैन कृष्णराज अरुण का दावा है कि यदि देश मे ग्रहदोष वाटिका वास्तु का सही पृयोग व सम्मान हुआ तो 2022 के बाद भारत रोगमुक्त होगा वेक्सीन,मास्क डिस्टेंस प्रोटोकाल पालन सहित इम्युनिटी बढ़ाने के पृयोग से यह हमारी जाएगी।
पाश्चात्य सभ्यता ने भारत की मूल सभ्यता प्रकृति से दूर किया जिससे हमारी धरती प्रकति से दूर हो रही है परिणाम स्वरूप हमे उधार की सांसें लेनी पढ़ रही हैं। भारत को जिस तरह से 40 साल में पाश्चात्य सभ्यता ने कमजोर किया है हमारे पास तमाम तपोबली आयुर्वेद और वास्तु दोष को समझने की बजाय नक्कारने से देश मे रोग आक्रमण कर रहे हैं। पीपल नीम बरगद या अन्य ओषधि पूर्ण वृक्षों की कटाई होने से आक्सीजन भारी कीमतों को देकर भी सही ढंग से उधार में लेनी पड़ रही है। गुलजारीलाल नन्दा फाउंडेशन देश को रोगमुक्त करने के लिए तत्पर था और रहेगा।