शिमला : शिमला शहर में बारिश ने फिर से कहर बरपाया है, प्रदेश में लगतार बारिश का दौर जारी है इसी बीच शिमला में से जमीन धसने से कच्चीघाटी में सात मंजिला भवन देखते ही देखते धरासायी हो गया. हालांकि किसी भी तरह का जान माल का नुक्सान होने कि कोई सुचना नहीं है.
बता दें यह 8 मंजिला इमारत अवैध तरीके से निर्माण किया गया था. नियमों के अनुसार केवल 4 मंजिला भवन निर्माण की अनुमति दी गई है, लेकिन बिल्डरों ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए स्वीकृत मंजिलों की संख्या से दोगुनी संख्या में निर्माण किया गया है. यही कारण है कि इमारत स्थिर नहीं रही और कुछ सेकंड में ढह गई.
बारिश की वजह से इमारत की निचली सतह धसने की वजह से दोपहर बाद से इमारत गिरने का खतरा मंडराने लगा था. जिस कारण प्रशासन ने एहतियातन तौर पर इमारत को पूरी तरह से खाली करवा लिया था. शाम को लगभग छह बजे भवन पूरी तरह से गिर गया, जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है. इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इस इमारत कि गिरने की वजह से आसपास के लगभग दर्जन भर से ज्यादा भवनों पर खतरा मंडराने लगा है.
घटनाक्रम
लगभग 2:30 बजे नगर निगम के डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान निगम के वास्तुकार देवेंद्र मिस्टा, जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. होमगार्ड से लेकर अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को भी मौके पर तैनात कर, किसी भी तरह से जानी नुकसान न हो इसलिए सभी लोगों को वहां हटाया गया. इसके साथ ही लोगों को हिदायत दिया कि घरों में रखे बहुमूल्य सामान और दस्तावेजों को साथ ही बहार निकले ताकि किसी को कोई बड़ा खमयाज़ा नहीं हो. शाम को छह बजे बहुंमंजिला भवन धराशयी हुआ.
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. यदि कोई मानवीय गलती पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी. उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला भी मौके पर मौजूद रहा.