एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में यूथ फेस्टिवल का एसपी शिमला ने किया शुभारंभ

कहा...... युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाए रखने के लिए सही ज्ञान और समाज का सहयोग जरूरी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से स्टूडेंट वेलफेयर की डीन डॉ. नीलम शर्मा की अगुवाई में विश्वविद्यालय छात्र संगठन द्वारा तीन दिन चलने वाला युथ फेस्टिवल प्रलख-2023 का आयोजन का शुभारंभ सोमवार को शिमला के पुलिस सुपरिंटेंडेंट आईपीएस संजीव कुमार गांधी ने किया। तीन दिवसीय इस युथ फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है और इन प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले प्रतिभागियों को कार्यक्रम के अंतिम दिन पुरस्कृत भी किया जाएगा। आईपीएस संजीव कुमार गांधी ने युथ फेस्टिवल में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर छात्र-छात्राओं व युथ फेस्टिवल में भाग ले रहे विभिन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र प्रतिभागियों को प्रेरणादायक जीवन को खुशहाल, समृद्ध, साकारात्मक ज्ञान और नशामुक्त जीवन बनाने का मूलमंत्र भी दिया।

 

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय पहुँचे युथ फेस्टिवल के मुख्य अतिथि आईपीएस संजीव गांघी का विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.एस. चौहान, चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो-चांसलर प्रो. डॉ. रमेश चौहान, डीन एकेडेमिक्स प्रो. डॉ. आनंदमोहन शर्मा, विभागाध्यक्ष प्रो. अश्वनी शर्मा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नीलम शर्मा और कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार पाल ने स्वागत किया और उन्हें हिमाचली शॉल और टोपी स्मृति चिन्ह देकर भेंट की। छात्र-छात्राओं , प्राध्यापकों, प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आईपीएस संजीव कुमार गांधी ने युथ फेस्टिवल के छात्र आयोजकों और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रबंधन व प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी समाज व राष्ट्र की सशक्त रीढ़ है और समाज और राष्ट्र की उन्नति इन्हीं युवाओं पर निर्भर करती है।

 

आईपीएस संजीव कुमार गांधी ने कहा आज का युग कई तरह की जटिलताओं से भरा है, कई तरह की परेशानियां आज विश्व मॉनव समुदाय के सामने खड़ी हैं और नशा उनमें से सबसे बड़ी चुनौती है जो युवा पीढ़ी को धीरे-धीरे अपनी जकड़जाल में फंसा रही है और यह आने वाली पीढ़ी के लिए खतरे की घंटी है। संजीव कुमार गांधी ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की सभी प्रकार की बुराइयों से बचाने और हमेशा नशे से दूर रखने के लिए सही बुद्धिमत्ता वाली शिक्षा, बच्चों की समय समय पर काउंसलिंग और समाज की सबसे बड़ी भूमिका है पर इस दिशा में एकजुट होकर काम करने की जरूरत है तभी समाज को नशामुक्त किया जा सकता है और युवा पीढ़ी भी नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित नहीं होंगे। संजीव गांधी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक के अत्यधिक प्रयोग की लत ने भी वयस्कों से लेकर युवा पीढ़ी को पंगु बना रही रही है जिससे कई तरह के मानसिक और शारिरिक रोग पनप रहे हैं।

 

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गांधी ने कहा कि आधुनिक तकनीकी यंत्रों खासकर मोबाइल फोन की अत्यधिक प्रयोग की लत मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव तो डाल ही रही है बल्कि शारिरिक दोष भी सामने आ रहे हैं कि बाल्यकाल में ही अंधापन और ट्यूमर जैसे रोग युवा पीढ़ी को घेर रहे है। आईपीएस गांधी ने कहा कि किसी भी वस्तु की सीमा से बाहर उपयोग वास्तव में नशा ही है जो जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। आईपीएस गांधी ने कहा कि जीवन को से संतुलित बनाए रखने के साथ स्वास्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए ताकि सही जीवन जिया जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. उमेश राय सहित अन्य विश्वविद्यालय प्रबंधक एवं शिक्षक उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के साथ-साथ बहुलतावादी, संस्कृति और धर्मनिरपेक्षता के लिए संकल्पबद्ध है।

 

 

छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए आईपीएस संजीव कुमार गांधी ने कहा कि सांस्कृतिक, खेलकूद प्रतियोगिताएं और रचनात्मक गतिविधियां छात्रों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी प्रतिभाओं का पोषण करती हैं और मन को प्रज्वलित करती हैं और नशे की बुराइयों से दूर रखती है, साथ ही देश की भावी पीढ़ियों के लिए सभ्यतागत विरासत का पोषण करती हैं। संजीव कुमार गांधी ने एपीजी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से अलग से नशामुक्त समाज और सफल इंसानी जिंदगी पर सेमिनार आयोजित करने का भरोसा भी दिलाया।

 

 

प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा ने युथ फेस्टिवल के पहले दिन कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया और मुख्य अतिथि आईपीएस संजीव कुमार गांधी का युवाओं को प्ररेणादायक संदेश देने और नशामुक्त समाज और युवा पीढ़ी को नई दिशा व मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद किया। प्रो. शर्मा ने कहा कि कलात्मक विधाएं खिड़कियों की तरह हैं जो युवाओं के लिए रचनात्मकता के अनंत ब्रह्मांड तक खुलती हैं। संगीत, नृत्य, ललित कला, खेलकूद प्रतियोगिता, रंगमंच और साहित्य छात्रों को अपने विचारों को संकल्पबद्ध करने और रचनात्मक क्षितिज का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और युवाओं को व्यसनों से दूर करती है।