हिमाचल के शिमला और मण्डी के सरकारी विश्वविद्यालयों ने सराहा अजय शर्मा के न्यूटन के नियमों पर रिसर्च।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो:-

 

 

शिमला। पिछले 40 वर्षों से आंइस्टीन और न्यूटन के नियमों पर शोध करने वाले हिमाचल के रिटायर्ड सहायक निदेशक (शिक्षा) अजय शर्मा के लिए यह साल अच्छा साबित हो रहा है। वे जल्दी ही शोधकार्य के विषय में अपनी वेबसाइट www.Newton99.com शुरू करने जा रहे हैं अपनी पुस्तक ‘न्यूटन लाज आफ मोशन इन 21 st सैंचुरी’ भी पूरी कर रहे हैं। अजय शर्मा हमीरपुर ज़िले के दियोटसिद्ध के मूल निवासी हैं।

Part I Appreciation
हाल ही में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने न्यूटन के तीसरे नियम में संशोधन को प्रोसिंडिंग्स में प्रकाशित किया है।
इस शोधपत्र में अजय शर्मा ने न्यूटन के तीसरे नियम की खामियां गिन-2 कर बताई हैं और 336 वर्ष पुराने नियम का
संशोधन किया है। यह वस्तु के आकार की अनदेखी करता है .अजय ने नियम का व्यापक नियम दिया है। अजय ने संशोधित
समीकरण में वस्तु के आकार , कम्पोजीशन , टारगेट और दूसरे प्रभावों को समाहित किया है 1 अगस्त, 2018 को अजय शर्मा ने अमेरिकन एसोसिएशन आॅफ फिजिक्स टीचर्ज़ की काॅन्फ्रैंस, वाशिगंटन डी.सी. में यह शोधपत्र प्रस्तुत किया था। यहाँ भी अमरीकी वैज्ञानिकों ने न्यूटन के नियम की खामी को प्रयोगों द्वारा सिद्ध करने की बात कही थी। अजय शर्मा के पास कोई प्रयोगशाला नहीं है। जहाँ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रयोग किये जा सकें। रिटायर्ड अजय को प्रयोगों की सुविधाएँ तो मिलनी चाहिए। यह विज्ञान और देश के हित में होगा. अक्तूबर, 2019 की रिपोर्टों में भी काउंसिल आॅफ सांइटिफिक एण्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली ने भी अजय शर्मा को पूरा प्रोजैक्ट भेजने की सलाह दी थी। पर यह प्रोजैक्ट सरकारी फंडिंग पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका क्योंकि अजय के पास प्रयोगशाला नहीं थी और वे 2021 को रिटायर हो रहे थे।25-26 नवम्बर, 2023 को अजय शर्मा ने इंटरनैशनल काॅन्फ्रैंस, सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मण्डी में न्यूटन के नियमों नियम पर शोधपत्र प्रस्तुत किया। इसी वर्ष इस साल अजय शर्मा को दक्षिण भारत के राज्यों आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी इंटरनैशनल काॅन्फ्रैंसों में न्यूटन के नियमों पर शोधपत्र प्रस्तुत किये हैं। वहां भी अजय का शोध छपा हैजुलाई में हमीरपुर की इंटरनैशनलइंट यूनिवर्सिटी में भी न्यूटन के तीसरे नियम पर शोधपत्र प्रस्तुत किया था। जिसकी मौलिकता को सराहा गया था। अजय को दक्षिण कोरिया से से भी आइंस्टीन पर शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया था पर खर्च की वजह से वे जा नहीं सके। अजय कहते हैं हैं के विदेशों में वे ऑनलाइन ही पेपर प्रस्तुत करेंगे।

 

 

Part 2. Newton’s First Law of Motion
अजय शर्मा सरकार से प्रयोगों की सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। तीन वर्ष पहले वे रिटायर हो चुके हैं और शोध पर
आधारित पुस्तकें लिख रहे हैं तथा कृषि में रूचि ले रहे हैं।
शर्मा ने सिद्ध किया कि न्यूटन के पहले नियम का पूरा मसौदा न्यूटन से पहले ही अरस्तू (350 BC) और गैलियिों (1612) में दे
दिया था। गैलीलियो की वस्तुओं की गति से सम्बन्धित शोध ‘लैटरज आॅन सनस्पाट्स’ पुस्तक में 1613 में इटालियन
अकादमी ने प्रकाशित थी। न्यूटन ने इसे आगे भाषा आदि बदलकर अपनी पुस्तक प्रिंसीपिया के पृष्ठ संख्या 19 में छपवा
लिया। यह सब जगजाहिर है। न्यूटन ने 1686 में प्रिंसीपिया नामक पुस्तक लिखी इसमें उन्होंने अरस्तु और गैलीलियोके
अवलोकनों और व्याख्याओं की संक्षिप्त और वैज्ञानिक शब्दावली (भाषा) में गति के पहले नियम के रूप में अपना बता कर
छपवा लिया। इन सब बातों का जिक्र अजय शर्मा अपनी वेबसाइट में कर रहें है जिसे बिना फीस के कोई भी पढ़ सकता है न्यूटन ने इस सम्बन्ध में अरस्तू और गैलीलियो के नाम का ज़िक्र तक नहीं किया। अब दुनिया इसे न्यूटन की गति के पहले नियम के रूप में पढ़ रही है। पर सच्चाई यह है कि इस नियम के मुख्य सूत्रधार अरस्तू और गैलीलियो हैं और न्यूटन तो मात्र सम्पादक और प्रचारक हैं। कायदे से न्यूटन को अरस्तु और गैलिलियो का रेफेरेंस देना चाहिए था। अजय कहते हैं कि पहले नियम के सम्बन्ध में अरस्तू और गैलीलियो का नाम मुख्य रूप से होना चाहिए, न्यूटन तो सिर्फ इसके सम्पादक हैं।

 

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PART 3 Request from Govt .
अजय शर्मा सरकार से प्रयोगों की सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। तीन वर्ष पहले वे रिटायर हो चुके हैं और शोध पर
आधारित पुस्तकें लिख रहे हैं तथा कृषि में रूचि ले रहे हैं।
अजय शर्मा इस बात से प्रसन्न है कि देश-विदेश में उनके कार्य को गम्भीरता से लिया जा रहा है। शर्मा सरकार से प्रयोगों की
सुविधाओं की हाथ जोड़कर मांग कर रहे हैं। अजय कहते हैं कि ये प्रयोग लगभग छः महीनों में पूरे हो जाएंगे और इन पर 10-
15 लाख रुपये खर्च होंगे।