कांग्रेस के एक साल में भी कसुम्पटी में दीपक तले अंधेरे की स्थिति कायम – सीपीआईएम 

कहा.....शिक्षा और स्वास्थ्य के हालत जस के तस, व्यवस्था परिवर्तन के एक साल के जश्न में डूबी कांग्रेस

सीपीआईएम
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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। कसुम्पटी में दीपक तले अंधेरे की हालत को नहीं बदल पाई! एक साल बाद भी कसुम्पटी में शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। मंत्री बनने के नाम से कांग्रेस ने कसुम्पटी की जनता से जो वायदे किए थे वे एक साल के बाद भी ज़मीन पर नहीं उतर पाए हैं। मुख्यमंत्री के खासमखास सिपहसालार माने जाने वाले पंचायती राज मंत्री और 2 बार जिला परिषद और 3 बार से विधायक के रूप में इस क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके अनिरूद्ध सिंह और कसुम्पटी कांग्रेस के चुनावी वायदे खोखले साबित हुए।

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने जनता से घर-घर तक सरकारी रोड़ पहुंचने और कच्ची सड़कों को पक्का करने का वादा किया था लेकिन अभी तक उस दिशा में काम आगे बढ़ता नज़र नहीं आ रहा। वहीं न तो अभी तक स्कूलों में अध्यापक और पूरा स्टाफ है और न ही विधानसभा के एकमात्र कोटी कॉलेज और SS स्कूलों में साइंस की कक्षाएं शुरू हुई हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी का वादा और स्वास्थ्य संस्थानों में 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों को लगाने का वादा भी झूठा साबित हुआ।

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अभी तक न तो जुन्गा में और न ही मशोबरा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी हुई है। कुफरी में बेरोजगारों के रोजगार को छीनने वाले NGT के फैसले और घोड़ों की संख्या पर लगे अंकुश पर न तो कांग्रेस सरकार ने कोई संज्ञान लिया और न ही घोड़े वालों के चहेते मंत्री महोदय ने अपना मुंह खोला। ऐसा लगता है कि मंत्री जी का मौन समर्थन एनजीटी के फैसले के साथ है। ऐसे कितने ही और वायदे कांग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा हैं जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ। धर्मशाला में कांग्रेस सरकार ऐसे जश्न मना रही हैं जैसे पूरी व्यवस्था का ही परिवर्तन कर दिया हो।