आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की कैबिनेट ने नए साल पर प्रदेश की जनता के हक में कुछ फैसले लिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांग बच्चों के लिए योजना लाई है। ऐसे बच्चों के लिए एक शिक्षण संस्थान बनाएंगे। जब बच्चा स्कूल कर लेगा तो उसी स्कूल में इंटीग्रेटेड शिक्षा दी जाएगी। एक एकीकृत संस्थान खोला जाएगा।
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सुक्खू ने कहा कि मंत्रिमंडल ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है। तीन जनवरी को वह सिरमौर जाकर भी इस बारे में संबोधित करेंगे। इसके अलावा एक अन्य फैसला बेरोजगारों के बारे में लिया गया है। 90 फीसदी जनसंख्या गांव में रहती है। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के फेज 2 को मंजूरी दी है। तीन बीघा वाले युवाओं को हर महीने 20 हजार रुपये मिलेगा। उन्हें सालाना 2 लाख 40 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए 240 करोड़ रुपये की इक्विटी बिजली बोर्ड को दी जाएगी।
इस योजना का तीसरा चरण भी आएगा। गांव की अर्थव्यवस्था को इससे मजबूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आठ जनवरी से सरकार गांव के द्वार योजना शुरू कर रही है। राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जाएंगे। ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम शुरू हो रहा है। ये सब पंचायतों का दौरा करेंगे और योजनाएं के बारे में जानकारी देंगे।