आदर्श हिमाचल ब्यूरो रिपोर्ट
भास्कर नेरुरकर, हेड – हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम, बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस
आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में, हमारी जीवनशैली लगातार बदलते सामाजिक वातावरण के अनुसार बदल रही है. इससे युवाओं और बुजुर्गों, दोनों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. लोगों की उम्र कुछ भी हो, लेकिन वे हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व से अनजान हैं. डायबिटीज, हार्ट अटैक, रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन और कैंसर जैसी जीवनशैली से संबंधित प्रमुख बीमारियां पहले बुजुर्गों को होते थे, लेकिन अब युवा भी इनसे ग्रस्त हो रहे हैं. इस कारण से फाइनेंशियल आश्वासन के साथ अपने भविष्य का सपना देखने और प्लानिंग करने वाली युवा पीढ़ी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की सुरक्षा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
आइए, नीचे दिए गए कुछ कारणों के बारे में जानें कि आपको क्यों कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए:
किफायती प्रीमियमः हमेशा कम उम्र में ही हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है. यह सलाह इसलिए दी जाती है कि युवाओं को बीमारियां होने की संभावना कम होती है और दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है. कम प्रीमियम के साथ व्यापक कवरेज चुनने का लाभ तुलनात्मक रूप से कम उम्र में उपलब्ध होता है. इसलिए, आप जितनी जल्दी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदेंगे, कम प्रीमियम पर अपने हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से आप उतना ही अधिक फाइनेंशियल सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
प्रतीक्षा अवधि: कम उम्र में आपको गंभीर बीमारियां होने की संभावना कम होती है, जिससे आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी प्रतीक्षा अवधि के दौरान लाभ मिलता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए, प्रतीक्षा अवधि आमतौर पर पॉलिसी अवधि शुरू होने से 30 दिन होती है. शुरुआती प्रतीक्षा अवधि के दौरान केवल दुर्घटना में चोटों के क्लेम स्वीकार्य हो सकते हैं और इसका मतलब है कि इंश्योर्ड व्यक्ति को शुरुआती प्रतीक्षा अवधि तक इंतजार करना होगा. आप जितने कम उम्र के होंगे, क्लेम फाइल किए बिना प्रतीक्षा अवधि का समय पार करना आपके लिए उतना ही आसान होगा. दूसरी ओर, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा होता है और आप इस प्रतीक्षा अवधि के दौरान क्लेम फाइल करने में असमर्थ हो सकते हैं. इसके अलावा, कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय से संबंधित बीमारियों, डायबिटीज और अन्य विशिष्ट बीमारियों के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि भी होती है. ऐसी बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि अक्सर लंबी होती है, क्योंकि इन्हें पहले से मौजूद बीमारी या उच्च-जोखिम वाली स्थिति माना जाता है और इनको होने में समय लगता है. मैटरनिटी कवरेज जैसे अन्य कवरेज के लिए प्रतीक्षा अवधि लागू है. इसलिए, कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने से आप जल्द ही इन विशिष्ट प्रतीक्षा अवधियों को पूरा कर सकते हैं. इसका मतलब यह है कि जब आप परिवार शुरू करने की प्लानिंग बनाएंगे या अगर आपको कोई बड़ी बीमारी होती है, तब तक प्रतीक्षा अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी होगी. इससे, अगर भविष्य में आपकी पॉलिसी अवधि के दौरान दुर्भाग्य से ऐसी घटनाएं होती हैं, तो आप ऐसी बीमारियों के लिए क्लेम फाइल कर सकते हैं.
कोई प्री-पॉलिसी मेडिकल चेक-अप नहीं: युवावस्था में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सलाह इसलिए दी जाती है कि कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं होने की स्थिति में आपको प्री-मेडिकल चेक-अप कराने की आवश्यकता नहीं होती है. उम्र बढ़ने पर आपको पहले प्री-मेडिकल चेक-अप कराना पड़ सकता है, जिसके आधार पर आपके प्रपोज़ल की स्वीकृति निर्धारित की जा सकती है. हेल्थ इंश्योरेंस के साथ, आप नियमित चेक-अप करा सकते हैं और रोकथाम के लिए उपाय कर सकते हैं. इस विशेष सुविधा से आप किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की जल्दी पहचान कर सकते हैं और उन्हें बड़ी बीमारी बनने से रोक सकते हैं.
संचयी बोनस: कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान प्रत्येक क्लेम-मुक्त वर्ष के लिए संचयी बोनस देते हैं. इस बोनस से बिना अतिरिक्त शुल्क के आपका सम इंश्योर्ड ऑटोमेटिक रूप से बढ़ जाता है. युवा लोग आमतौर पर स्वस्थ होते हैं और उन्हें पॉलिसी वर्ष के दौरान क्लेम करने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे समय के साथ इस बोनस को जमा करना आसान हो जाता है. बुजुर्ग लोगों को उम्र से संबंधित मेडिकल समस्याओं के कारण क्लेम करना पड़ सकता है, जिससे संचयी बोनस अर्जित करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
बढ़ते खर्चों को कम करने में मदद: भारत में स्वास्थ्य सेवाएं बहुत महंगी होती जा रही हैं और महंगाई के कारण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े खर्चे बढ़ते जा रहे हैं. इसके अलावा, युवाओं की जीवनशैली में बदलाव के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं की कुल लागत को प्रभावित हो रही है. इन बीमारियों के इलाज में बहुत पैसे खर्च हो सकते हैं, जिससे युवाओं और उनके परिवारों के लिए यह फाइनेंशियल बोझ बन सकता है. इसलिए कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस फाइनेंशियल सुरक्षा व्यवस्था की तरह काम करता है, जो आपको ऐसे महंगे मेडिकल खर्चों से बचाने में मदद करता है. यह फाइनेंशियल बैकअप प्लान की तरह है, जो यह सुनिश्चित करता है कि मेडिकल आवश्यकताओं के मामले में आप फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस चुनते समय, अपनी ज़रूरत पर विचार करें. अगर आप युवा हैं, तो विभिन्न हेल्थ इंश्योरेंस प्लान देखें, जानें कि वे कौन से कवरेज प्रदान करते हैं, महत्वपूर्ण रूप से इंश्योरेंस प्रदाता कंपनी और उनके नेटवर्क हॉस्पिटल के बारे में रिसर्च करें, और फिर परिवार की मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए ऐसी पॉलिसी चुनें, जो आपकी आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त हो. किसी भी स्वास्थ्य समस्या से पहले हेल्थ इंश्योरेंस लेना स्मार्ट निर्णय है, क्योंकि यह आपको अधिक कवरेज देता है और आपके पैसे को सुरक्षित रखता है. इससे युवा पीढ़ी अपने स्वास्थ्य और फाइनेंशियल स्थिति को सुरक्षित रखते हुए आत्मविश्वास के साथ जीवन की अनिश्चितताओं का मुकाबला कर सकते हैं.