आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमालय की गोद में बसे शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में जून 2025 को कला, संस्कृति और रचनात्मकता की एक अद्वितीय छटा बिखरी, जब कला कुंभ शिमला का आयोजन हुआ। 70वीं अखिल भारतीय नाट्य एवं नृत्य प्रतियोगिता – 2025 के समापन पर आयोजित यह विशेष कार्यक्रम भारतीय कला के पारंपरिक और समकालीन रूपों का एक शानदार संगम बना।
यह आयोजन नृत्य, नाटक, संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, साहित्य और जीवंत कला का एक रंगारंग समागम था। देशभर से आए कलाकारों ने मंच, दीवारों और संवाद के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। चित्रकला प्रदर्शनियों और कला इंस्टॉलेशनों में भारत की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक विषयों को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

मंच पर हुए नृत्य और नाट्य प्रदर्शन में प्रसिद्ध कलाकारों ने शास्त्रीय शैलियों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए प्रस्तुतियाँ दीं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गईं। संगीत, कविता पाठ, पुस्तक पठन और कला संवाद जैसे कार्यक्रमों ने इस सांस्कृतिक उत्सव को बौद्धिक गहराई प्रदान की।
कला कुंभ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी समावेशिता रही, जिसमें उभरती और स्थापित दोनों श्रेणी के कलाकारों को समान मंच प्रदान किया गया। स्थानीय नागरिकों, पर्यटकों, छात्रों और कला प्रेमियों की भारी उपस्थिति ने इस आयोजन को जीवंत बना दिया। दर्शकों ने न केवल प्रस्तुतियाँ देखीं, बल्कि कलाकारों से संवाद भी किया और कला की प्रक्रिया का हिस्सा बने।
कला कुंभ शिमला 2025 ने न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को सम्मानित किया, बल्कि रचनात्मक अभिव्यक्ति के भविष्य को लेकर नए विचारों और संवादों को भी जन्म दिया। इस भव्य आयोजन ने शिमला की सांस्कृतिक पहचान को एक नई ऊंचाई दी और उसे भारतीय कला के मानचित्र पर एक प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित किया।