सामाजिक-पारिवारिक कलह की जड़ – अहंकार अक्षरधाम मंदिर में संगीतमय भागवत कथा का दूसरा दिन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । न्यू शिमला सेक्टर-1 स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में चल रही 5 दिन की संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का दूसरा दिन रहा। दूसरे दिन के यजमानों के द्वारा भगवान एवं भागवतजी ग्रन्थ के पूजन के बाद बड़ी संख्या में कथा रस का आनंद प्राप्त करने आए हुए भक्त समुदाय को सम्बोधित करते हुए कथा व्यास संत पूज्य जयतीर्थ स्वामी ने कहा कि आज के समय में कलह एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है। स्वामीजी ने कहा कि कलह चाहे परिवार में हो या समाज में, इसका मूल कारण व्यक्ति या समुदाय में रहने वाला अहंकार का स्वभाव होता है।

 

आज की कथा के विषय यानि कलह और उसके कारण के बारे में विस्तार से बात करते हुए स्वामीजी ने श्रीमदभागवत ग्रन्थ में वर्णित 3 कथानकों का निरूपण करके श्रोता भक्तों को विषय के बारे में समझ प्रदान की। सर्वप्रथम दक्ष प्रजापति की कथा सुनाकर स्वामीजी ने बताया कि अहंकार के स्वभाव के कारण हमें किस प्रकार के पारिवारिक-सामाजिक नुकसान उठाने पड़ते हैं। अगली कथा में भगवान के भक्त बालक ध्रुव की भक्ति का वर्णन किया गया। भक्ति के माध्यम से किस प्रकार भगवान के प्रति श्रद्धा में वृद्धि होती है यह बात समझने की है। अंतिम महत्वपूर्ण कथा अजामिल की सुनाकर विद्वान संत ने सभी श्रद्धालु भक्तों को भागवतजी से यह सीख लेने की प्रेरणा प्रदान की कि भगवान के नाम का उच्चारण मात्र करने से भी कृपानिधान भगवान किस प्रकार हमें समस्त पापों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

 

सम्पूर्ण कथा में विभिन्न प्रसंगों के आने पर उन प्रसंगों के अनुरूप कीर्तनों की रसधार बहती रही। उपस्थित गायक एवं वादक वृन्द की मधुर प्रस्तुति श्रोताओं को भावविभोर करती रही। कथा का समय प्रतिदिन संध्या 6.30 से 8.30 बजे का है।