आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला।पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जहां प्रदेश 1 लाख करोड़ के कर्जे में हो, विकास के लिए पैसा ना हो, तनख्वाह मिलने में देरी होती हो, वहां 2000 करोड़ कम लगे। हिमाचल सरकार को 500 करोड़ दो बार बगैर ब्याज के मिला, वह भी कम लगा। 93,000 मकान प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले और इससे पिछली बार 12,000 मकान अलग जब आपदा आई थी तब भी दिए गए तब भी सैकड़ों करोड़ दिया गया। राज्य से वह पैसा खर्च भी पूरा नहीं हुआ और उस पैसे का एक हिस्सा वापस चला गया।
नरेंद्र मोदी की सरकार में हिमाचल के लिए सदा बढ़-चढ़कर सहयोग किया है। पैसा दिया है और अब भी कोई कमी नहीं है राज्य की सरकार का मन छोटा है कि आवास योजना के मकान अगर मोदी जी देते हैं तब भी उनका नाम लेने के लिए तैयार नहीं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 2700 करोड़ की सड़कें देते हैं तब सांसद का नाम लगा के राजी नहीं और इसी तरह से अन्य बड़े प्रोजेक्ट के लिए पैसा देते हैं तो उस पे भी गति नहीं मिलती। मैं आपको बहुत सारे उदाहरण दे सकता हूं लेकिन आज नहीं देना चाहूंगा लेकिन इतना ही कहूंगा बड़ा मन करके राज्य की सरकार को राजनीति करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी की एक बहुत बड़ी सौगात दुनिया भर के लिए है कि दुनिया भर के लोग स्वस्थ रहें। निरोग रहें और योग करते रह। यह भारत का एक बहुत बड़ा योगदान दुनिया भर के लिए है और यह देन किसी की है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। देखिए जब से जब से सरकार बनी है तब से इससे कोई खुश नहीं। ना राज्य के लोग ना सरकार के मंत्री ना कांग्रेस के कार्यकर्ता। एक डेढ़ साल में जिस सरकार में उठकपटक शुरू हो जाए नौ विधायक इस्तीफा देकर चले जाए सिंग मंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाएं और यह बताएं कि सरकार पे किसी का कंट्रोल नहीं इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा और जहां तक वन नेशन वन इलेक्शन की बात आपने पीपी चौधरी जो हमारे जेपीसी के चेयरमैन हैं देखिए बड़ा मन करके इन्होंने इस कमेटी का आयोजन किया किसी की बात सुनते हैं। हर तरह का पक्ष सामने आने देते हैं। आज बहुत सारी बड़ी बात एक हिमाचल प्रदेश में जो हुई हिमाचल प्रदेश इकलौता राज्य ऐसा है जिसने 8 अप्रैल 2010 को इसी विधानसभा वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा की। सुरेश भारद्वाज जी उस प्राइवेट मेंबर बिल को लेकर आए थे और उस समय उस चर्चा में आज के सिंग जो मंत्री हैं उन्होंने उस समय चर्चा में भाग भी लिया था।
आज के मुख्यमंत्री स्पीकर उस समय उस सदन के सदस्य भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी उस समय मुख्यमंत्री थे। उन्होंने चर्चा में भाग भी लिया। स्वयं सुरेश जी उसको बिल लेकर आए तो वह सारी बातें भी आई और सबने यूनानिमसली इन सब ने उस समय आम सहमति से उसको पास किया था। तो कहीं ना कहीं सबके मन में तो है कि एक चुनाव हो जाए तो जनता का पैसा भी बचेगा, समय बचेगा, निर्णय जल्दी होंगे। आज थानों में से 84% से ज्यादा लोग पुलिस कर्मचारी चुनाव के समय चुनावी ड्यूटी पे जाते हैं तो जनता के काम कौन करेगा भाई? टीचर्स हजारों की तादाद में इलेक्शन ड्यूटी पे होते तो बच्चों को पढ़ाएगा कौन? 50 60-60 दिन आप कोई निर्णय नहीं ले सकते हो। तो प्रदेश में निवेश कहां से आएगा? और प्रदेश के निर्णय कब से होंगे? यह हर राज्य की स्थिति है। इसीलिए जेपीसी का मानना क्या है? चेयरमैन पीपी चौधरी जी ने कहा है कि यह जो हम बिल लाए हैं, सरकार लाई है, इसमें अगर और भी कोई संशोधन करके इसको और बेहतर बनाया जा सकता है, तो हम खुले मन के साथ उस पर विचार कर रहे हैं। मैं बहुत सारी कमेटीज़ में रहा हूं। लेकिन जिस तरह से चेयरमैन महोदय ने बड़ा हृदय करके सबकी बात कहना खुले मन से सुनना पक्ष विपक्ष हर तरह की बातें आती हैं लेकिन सबकी बातों को नोट किया जा रहा है और निर्णय भी होंगे।