आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला ।हिमाचल प्रदेश में दशकों से चली आ रही परिवारवाद की राजनीति पर आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखा हमला बोला है. प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने आज एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि यह वंशवाद प्रदेश को लगातार खोखला कर रहा है और उसकी प्रगति को बाधित कर रहा है।
सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा, “यह बेहद चिंताजनक है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति कुछ चुनिंदा परिवारों की जागीर बनकर रह गई है. हम लगातार देख रहे हैं कि कैसे कुछ नेताओं के बेटे, पोते, और रिश्तेदार, बिना किसी जनसेवा के अनुभव या ठोस योग्यता के, सीधे मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक या सांसद जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हो जाते हैं. ये तथाकथित ‘शाही परिवार’ अपनी विरासत के दम पर सत्ता के गलियारों में घूमते हैं, जबकि आम मेहनतकश जनता के बच्चे सिर्फ उनके झंडे उठाने और रैलियों में भीड़ जुटाने तक सीमित रह जाते हैं।
उन्होंने सीधे तौर पर उन परिवारों को आड़े हाथों लिया जो प्रदेश में परिवारवाद के सबसे बड़े उदाहरण बन चुके हैं और जिनकी वजह से प्रदेश का विकास रुक रहा है:
वीरभद्र सिंह परिवार: जिनके सदस्य दशकों से प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पदों पर काबिज रहे हैं. इस परिवार से वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह वर्तमान में विधायक और मंत्री हैं।
धूमल परिवार: जो पीढ़ी दर पीढ़ी सत्ता के केंद्र में रहा है. इस परिवार से प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर वर्तमान में सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं।
सुखराम परिवार: मंडी जिले में जिनका राजनीतिक वर्चस्व आज भी कायम है. इस परिवार से पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा विधायक हैं, और अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा भी सक्रिय राजनीति में हैं।
जीएस बाली परिवार: कांगड़ा में जिनका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. इस परिवार से जीएस बाली के बेटे रघुबीर सिंह बाली वर्तमान में विधायक ओर मंत्री हैं ।
राम लाल ठाकुर परिवार: बिलासपुर में जिनका राजनीतिक दखल रहा है. इस परिवार से राम लाल ठाकुर के बेटे आशीष ठाकुर युवा राजनीति में सक्रिय हैं।
ओर अब स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल अपने बेटे कर्नल संजय शांडिल को अपनी राजनीतिक विरासत दान में सार्वजनिक मंच से घोषणा कर रहे है ।
सुरजीत सिंह ठाकुर ने जोर देकर कहा कि इस वंशवादी राजनीति से हिमाचल प्रदेश की जनता को भारी नुकसान हो रहा है, और यह प्रदेश को आगे बढ़ने से रोक रही है:
योग्यता की अनदेखी: परिवारवाद के चलते योग्य और कर्मठ युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलता. पदों पर बैठे लोग अक्सर अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देते हैं, भले ही वे उस पद के लिए योग्य न हों. इससे प्रदेश को कुशल नेतृत्व नहीं मिल पाता.
जनता के मुद्दों की उपेक्षा: ये परिवार-केंद्रित नेता अक्सर जनहित के बजाय अपने परिवार और अपने करीबियों के हितों को साधने में लगे रहते हैं. उन्हें आम जनता की समस्याओं और आकांक्षाओं से कोई सरोकार नहीं होता, जिससे जनता की भलाई के काम ठप्प पड़ जाते हैं.
भ्रष्टाचार को बढ़ावा: जब सत्ता कुछ हाथों में सिमट जाती है, तो भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चरम पर पहुँच जाता है. इन परिवारों के सदस्य अपने पदों का दुरुपयोग कर व्यक्तिगत लाभ कमाते हैं, जिससे प्रदेश का खजाना खाली होता है और विकास के लिए फंड की कमी हो जाती है.
लोकतंत्र का कमजोर होना: परिवारवाद लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है. यह आम आदमी को राजनीति में सक्रिय भागीदारी से वंचित करता है और सत्ता को कुछ चुनिंदा परिवारों तक सीमित कर देता है, जिससे जनता का विश्वास लोकतंत्र से उठता जा रहा है।
सुरजीत सिंह ठाकुर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह हिमाचल के उन लाखों युवाओं के सपनों का अपमान है जो ईमानदारी और मेहनत से आगे बढ़ना चाहते हैं। क्या हमारे बच्चों का भविष्य केवल इन राजनीतिक घरानों की सेवा करने तक ही सीमित रहेगा? क्या उन्हें कभी अपने दम पर आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिलेगा? यह परिवारवाद प्रदेश के भविष्य को गर्त में धकेल रहा है।
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश की जनता से आह्वान करती है कि वे इस परिवारवादी राजनीति के खिलाफ एकजुट हों और प्रदेश को इससे मुक्ति दिलाएं. हम एक ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जहाँ हर व्यक्ति को उसकी योग्यता और मेहनत के बल पर आगे बढ़ने का मौका मिले, न कि उसके परिवार के नाम पर । आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश को परिवारवाद मुक्त और जनता केंद्रित शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि प्रदेश सही मायने में विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।