कांग्रेस सरकार हिमाचल प्रदेश के दलित वर्ग के साथ करने जा रही है बहुत बड़ा धोखा: सुरजीत सिंह ठाकुर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।  हिमाचल प्रदेश: आम आदमी पार्टी (AAP) हिमाचल प्रदेश ने आज कांग्रेस सरकार पर दलित वर्ग के साथ एक बड़ा धोखा करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम (HP SC & ST Development Corporation) को धीरे-धीरे बंद करने की योजना बना रही है, जिससे प्रदेश के लाखों दलित प्रभावित होंगे।

 

आम आदमी पार्टी, हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया, “हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्थान के लिए स्थापित हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम, जिसका मुख्यालय सोलन में है और जो दलित वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं संचालित करता है, को सुक्खू सरकार ने बंद करने की पहल प्रारंभ कर दी है।

प्रमुख आरोप और चिंताएं:

कार्यालयों का बंद होना और पदों का समाप्त होना:  ठाकुर ने बताया कि निगम द्वारा संचालित सहायक प्रबंधक कार्यालय भरमौर, देहरा, जुब्बल तथा सरकाघाट को बंद किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के 12 जिलों में स्थापित जिला प्रबंधक के कार्यालयों में से 6 पद समाप्त किए जा रहे हैं, जिससे अब एक जिला प्रबंधक दो जिलों के कार्यालयों का संचालन करेगा। कुल मिलाकर, इस निगम के 50 पद एक साथ खत्म किए जा रहे हैं।

 

योजनाओं का बंद होना: आप ने आशंका जताई है कि कांग्रेस सरकार दलित वर्ग के उत्थान की विभिन्न योजनाएं, जो इस निगम के माध्यम से संचालित होती हैं, उन्हें भी बंद करने की योजना बना रही है। इनमें शिक्षा ऋण योजना, हस्तशिल्प योजना, विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और वजीफा जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। “वंचित वर्ग के उत्थान के सारे रास्ते एक साथ बंद करने की योजना प्रदेश की कांग्रेस सरकार बना रही है,” श्री ठाकुर ने कहा।

कांग्रेस के दोहरे मापदंड: आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की कथनी और करनी में विरोधाभास पर सवाल उठाया।  ठाकुर ने कहा, “एक तरफ तो राहुल गांधी ‘संविधान बचाओ’ का नारा देते हैं, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सुक्खू सरकार धन का अभाव होने का हवाला देकर एससी-एसटी निगम को धीरे-धीरे बंद करने का बंदोबस्त कर रही है।

 

सब-प्लान एक्ट की अनदेखी: पार्टी ने सुझाव दिया कि कांग्रेस सरकार को एससी-एसटी सब-प्लान के लिए एक्ट बनाना चाहिए था, ताकि इसका पैसा दूसरी जगह डाइवर्ट न होता और वंचित वर्ग के उत्थान पर ही खर्च होता। इसके बजाय, सरकार ने 14 मई 2025 को निगम के विभिन्न कार्यालयों और योजनाओं को बंद करने से संबंधित सरकारी सदस्यों की एक बैठक कर ली।

 

गैर-सरकारी बोर्ड का गठन न होना और मिलीभगत का आरोप: यह आश्चर्य की बात है कि निगम के गैर-सरकारी सदस्य बोर्ड का आज तक गठन नहीं किया गया, जबकि यही बोर्ड एससी-एसटी के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करता है। इसके बजाय, सरकारी सदस्यों, जिसमें चीफ सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी और सेक्रेटरी वेलफेयर के साथ-साथ अध्यक्ष वेलफेयर मिनिस्टर शामिल थे, ने मिलकर विकास निगम को बंद करने का काम किया है। आम आदमी पार्टी का मानना है कि इसमें “सीधी-सीधी मुख्यमंत्री की भी मिलीभगत लगती है।
व्यापक प्रभाव: आम आदमी पार्टी ने बताया कि प्रदेश के 6 जिलों में जिला प्रबंधक कार्यालय बंद होने से एससी-एसटी वर्ग के 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित होंगे, जो बेहद चिंताजनक है। हिमाचल प्रदेश में एससी-एसटी की जनसंख्या लगभग 22 लाख है, जो अनुपात में देश में दूसरे स्थान पर है।

आम आदमी पार्टी की चेतावनी:

आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में इस कृत्य की निंदा करती है और प्रदेश सरकार को चेतावनी देती है कि अगर एससी-एसटी विकास निगम के दफ्तरों और योजनाओं को बंद किया जाता है तो आम आदमी पार्टी इसका प्रदेशव्यापी विरोध करेगी।