भाजपा विधायकों ने लगाया सरकार पर विधानसभा से महत्वपूर्ण प्रश्न हटाने का आरोप

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। विधानसभा सत्र से पहले प्रदेश की सियासत गरमा गई है, भाजपा विधायकों सुधीर शर्मा, आशीष शर्मा और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेताओं ने कहा कि सरकार विपक्ष के तीखे सवालों से बचने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से खिलवाड़ कर रही है।इस दौरान नेताओं ने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र से पूर्व कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को जानबूझकर हटाया गया, जो पहले से विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थे। उनका कहना है कि ये सवाल सरकार के लिए असहज थे, इसलिए इन्हें “योजना पूर्वक” और “रहस्यमय तरीके” से हटा दिया गया।

इसी के साथ भाजपा नेताओं ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र की जगह अब हिटलरशाही ने ले ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार न तो जनता की परवाह कर रही है और न ही विपक्ष की, जो उसके एकतरफा रवैये को दर्शाता है। भाजपा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का भी आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने महिला मंडलों को लाखों रुपये ट्रांसफर किए, जो कथित तौर पर “वोट फॉर कैश” योजना का हिस्सा है। भाजपा नेताओं का दावा है कि इस मामले का खुलासा सूचना का अधिकार (RTI) के माध्यम से हुआ है, लेकिन सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है।

भाजपा विधायकों ने नई आबकारी नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा राजस्व में 45% वृद्धि का दावा झूठा साबित हुआ है। वास्तविक आंकड़ों के अनुसार राज्य का राजस्व केवल 4% की वृद्धि तक सिमट कर रह गया है, और सरकार शराब ठेकेदारों की डिफॉल्टर सूची तक साझा नहीं कर रही, जबकि उसमें “रेड एंट्री” वाले मामलों की संख्या काफी अधिक है। नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इन जानकारियों को छुपा रही है और विधानसभा में पारदर्शिता से बच रही है। भाजपा नेताओं ने सरकार से इन सभी मामलों में स्पष्ट जवाब देने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो पार्टी सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी।