आदर्श हिमाचल ब्यूरों
नई दिल्ली| हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी. आर. पाटिल से शिष्टाचार भेंट की, इस दौरान उन्होंने राज्य में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के मद्देनज़र प्रदेश को उदारतापूर्वक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बीते तीन वर्षों के दौरान जल शक्ति विभाग को लगभग ₹4000 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें वर्ष 2023 में ही विभाग को ₹2132.70 करोड़ की क्षति हुई, चालू वर्ष में भी विभाग को ₹1291.51 करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने हेतु ₹1227 करोड़ की अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है।
इसी दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने अनुरोध किया कि आपदा पश्चात आवश्यकता आकलन के अंतर्गत राहत राशि तुरंत जारी की जाए, उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जल आपूर्ति क्षेत्र के लिए ₹697 करोड़ की स्वीकृति के बावजूद अब तक केवल ₹100 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं, जिससे पुनर्स्थापन कार्यों की रफ्तार प्रभावित हुई है। केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने आश्वासन दिया कि वे हिमाचल प्रदेश के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और मामले को व्यक्तिगत रूप से प्राथमिकता देंगे उपमुख्यमंत्री ने PDNA के तहत मानदंडों में ढील देने की भी मांग रखी, ताकि पुनर्निर्माण कार्य शीघ्रता से हो सके। इस बैठक में मुकेश अग्निहोत्री ने प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अंतर्गत चल रही सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता शीघ्र जारी करने का भी अनुरोध किया, केंद्रीय मंत्री ने इस विषय को भी प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
इसके अतिरिक्त, उपमुख्यमंत्री ने ऊना जिले के हरोली ब्लॉक में ₹97.78 करोड़ की लागत से प्रस्तावित कमांड एरिया विकास योजना को स्वीकृति देने की मांग की और साथ ही, पहले से स्वीकृत 11 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं के लिए लंबित धनराशि जारी करने पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि वर्षा और बाढ़ से प्रदेश में विशेषकर नदी तटीय क्षेत्रों में व्यापक तबाही हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए जल शक्ति विभाग ने केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान केंद्र, पुणे से अध्ययन के पश्चात ₹1795 करोड़ की तटीकरण परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने इस परियोजना को शीघ्र स्वीकृत कर जनजीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उपमुख्यमंत्री ने कुल्लू मनाली हवाई अड्डे के सामरिक महत्व को रेखांकित करते हुए ब्यास नदी के तटीकरण कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।