शिक्षा मंत्री ने की समीक्षा बैठक, आपदा से प्रभावित स्कूलों के त्वरित पुनर्निर्माण के निर्देश

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और उप निदेशकों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य की शिक्षा व्यवस्था, आपदा से प्रभावित स्कूलों की स्थिति और विभागीय अनुशासन समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रदेश के 1,125 शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुए हैं, जिससे करीब 59.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2023 में आपदा से क्षतिग्रस्त 646 स्कूलों के लिए 51.13 करोड़ रुपये और वर्ष 2025 में अब तक 77 स्कूलों के लिए 13.22 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। मंडी जिला को वर्ष 2023 से अब तक सर्वाधिक 16.19 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।

इस दौरान शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुनर्निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र शुरू किए जाएं ताकि शैक्षणिक गतिविधियां बाधित न हों, उन्होंने आपदा पश्चात आवश्यकता मूल्यांकन के तहत प्राप्त धनराशि का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन स्कूलों को 75 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। संबंधित अधिकारियों को पांच दिन के भीतर धनराशि के उपयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं, अन्यथा यह राशि अन्य संस्थानों को स्थानांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा क्षतिग्रस्त स्कूलों के लिए भवन किराए पर लेने की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो और साथ ही, शिक्षा बोर्ड उन छात्रों को निःशुल्क प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराएगा जिनके दस्तावेज आपदा में नष्ट हो गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि 18 सितंबर तक कार्यभार न संभालने वाले प्रवक्ताओं की पदोन्नति रद्द कर दी जाएगी और यह अवसर अगले पात्र उम्मीदवारों को दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि विभाग में अनुशासन और जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस बैठक में POCSO, NDPS अधिनियम और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को इन मामलों में शीघ्र जांच पूरी कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति के तहत कार्य कर रही है और विभाग में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या कर्तव्यहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उप-निदेशकों को स्कूलों की नियमित निगरानी करने, स्कूल संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नए भवनों के लिए सुरक्षित स्थान चयनित करने के निर्देश दिए और छात्र संख्या के अनुसार शिक्षकों के समुचित युक्तिकरण पर भी बल दिया और अनावश्यक प्रतिनियुक्तियों को रद्द करने के आदेश दिए। विज्ञान संकाय में घटते छात्र नामांकन पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि विज्ञान विषय के प्रति छात्रों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इस बैठक में स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर विशाल समेत सभी उप-निदेशक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे है।