आदर्श हिमाचल ब्यूरों
धर्मशाला। धर्मशाला स्थित डीआरडीए बैठक कक्ष में उपायुक्त हेम राज बैरवा ने जिले में 17 सितम्बर से 2 अक्तूबर तक चलने वाले “सशक्त नारी, सशक्त परिवार अभियान” तथा 17 सितम्बर से 16 अक्तूबर, 2025 तक चलने वाले “पोषण अभियान 2.0” का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण ही सशक्त परिवार, समाज और देश की नींव है और आज महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, चाहे वह शिक्षा हो, विज्ञान, खेल, राजनीति या व्यवसाय। उन्होंने कहा कि यदि परिवार की महिला शिक्षित और जागरूक हो, तो वह पूरे परिवार को सही दिशा दे सकती है। पोषण अभियान 2.0 की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह एक समेकित पोषण समर्थन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य माताओं, बच्चों और किशोरियों को संतुलित पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान कर कुपोषण के दुष्चक्र को तोड़ना है। विशेषकर बच्चों के पहले तीन वर्षों के दौरान बेहतर पोषण एवं देखभाल पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि में सकारात्मक देखभाल व संवाद तथा खेल और शैक्षिक गतिविधियां उनके समग्र विकास में सहायक होती हैं।
इस दौरान आईसीडीएस जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक शर्मा ने कहा कि हिमाचल में मात्र 40 प्रतिशत महिलाएं ही दो वर्ष तक शिशु को स्तनपान करवा रही हैं, जबकि स्तनपान शिशु के पोषण व स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी माताओं से आग्रह किया कि वे मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) के माध्यम से बच्चों के विकास चार्ट की नियमित निगरानी करें। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने टीबी मुक्त भारत अभियान की विस्तृत जानकारी दी, उन्होंने कहा कि यह अभियान जनभागीदारी पर आधारित है और समाज के हर वर्ग की भागीदारी से ही देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य संभव है। उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी डॉ. बबीता ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्यवर्धक आहार और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें तथा अपने घरों में औषधीय पौधों की खेती करें।
इस कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त हेम राज बैरवा ने एक शिशु का अन्नप्राशन संस्कार भी करवाया। यह पहल शिशु पोषण के महत्व को समाज के समक्ष रेखांकित करने हेतु की गई थी। इस कार्यक्रम में पोषण विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी रमेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुराधा, विभिन्न विभागों के अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व महिलाएं उपस्थित रहीं है।