आदर्श हिमाचल ब्यूरों
नई दिल्ली। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि शिक्षा और कौशल का मेल समाज की प्रगति का आधार है और जब समाज आगे बढ़ता है तो राष्ट्र भी उन्नति करता है, शुक्रवार को आयोजित तीन दिवसीय ‘एडुस्किल्स एचआर समिट-2025’ के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा से कौशल को बढ़ावा मिलता है, वहीं कौशल शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाता है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे दौर में हैं जहां परंपरागत ढांचे और आधुनिक तकनीक का संगम हो रहा है। कृत्रिम मेधा (AI) इस परिवर्तन का अहम हिस्सा है और इसके उपयोग में विवेक बरतने की आवश्यकता है।
इस दौरान उन्होंने तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में युवाओं के ज्ञान, कौशल और रचनात्मकता को राष्ट्रीय संपत्ति करार देते हुए कहा कि देश की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा है, जिसे कुशल और रोजगारपरक बनाना समय की मांग है और कौशल विकास अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है
राज्यपाल ने एडुस्किल्स फाउंडेशन को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि शिक्षा व उद्योगों के बीच की दूरी को पाटने में संस्था की भूमिका सराहनीय है। उन्होंने डिजिटल इंटर्नशिप, उत्कृष्टता केंद्र और आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को युवाओं के लिए उपयोगी बताते हुए इन पहलों की सराहना की है।
इस अवसर पर दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, केंद्रीय विदेश मंत्रालय के अध्यक्ष प्रो. के.के. अग्रवाल और एआईसीटीई के सलाहकार एवं राज्यसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव डॉ. राघव प्रसाद दाश ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम की शुरुआत में एडुस्किल्स फाउंडेशन के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. शुभजीत जगदेव ने राज्यपाल का स्वागत किया और फाउंडेशन की गतिविधियों एवं भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी, इस सम्मेलन में कुलपति, प्राचार्य, निदेशक सहित देशभर के 100 से अधिक एचआर पेशेवर व कॉर्पोरेट लीडर्स ने भाग लिया।