सरकार मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धः हर्षवर्धन चौहान

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। भारतीय उद्योग परिसंघ हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला में सीआईआई हिमाचल प्रदेश आर्थिक शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था “एक लचीले हिमाचल प्रदेश का पुनर्निर्माण: पुनरुद्धार से स्थायी समृद्धि तक”, जिसमें नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और विभिन्न हितधारकों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश के उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने की, उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए सक्रिय सुधारों और उद्योग सरकार साझेदारी को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने माना कि राज्य पर वेतन और देनदारियों जैसी आवश्यक जिम्मेदारियों के चलते वित्तीय दबाव है, लेकिन इसके बावजूद सरकार विकासात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए संचालन प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी ज़ोर दिया।

इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. नजीम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे की कमी और नियामक जटिलताओं जैसी चुनौतियां मौजूद हैं, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद आर्थिक विकास की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र और नवाचार के ज़रिए इन चुनौतियों को अवसरों में बदलने की आवश्यकता जताई है। सीआईआई हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष दीपन गर्ग ने कहा कि राज्य को पर्यावरणीय और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए लचीले एवं पारिस्थितिक बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकी और सशक्त प्रणालियों के एकीकरण पर बल देते हुए कहा कि विकास को प्रकृति संरक्षण के साथ संतुलित करना समय की मांग है।

इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश को निवेश के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने पर भी चर्चा हुई। वक्ताओं ने बेहतर सड़क, रेल और हवाई संपर्क सहित उन्नत बुनियादी ढांचे को पर्यटन और औद्योगिक विस्तार के लिए आवश्यक बताया। इस बैठक में सीआईआई हिमाचल के उपाध्यक्ष संजय सूरी, पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया (एनवायरो एंटरप्राइजेज) सहित सीआईआई के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।