आदर्श हिमाचल ब्यूरों
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य विजय डोगरा ने बताया कि राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान एवं कल्याण के लिए पिछले तीन वर्षों में विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों द्वारा 113 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उपायुक्त कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की निरंतर मॉनिटरिंग करेगा और इसके लिए राज्यभर में क्षेत्रीय दौरे किए जाएंगे। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट समय समय पर उपलब्ध कराई जाए।
इस दौरान डोगरा ने कहा कि जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए, ताकि हर पात्र लाभार्थी इन योजनाओं से लाभान्वित हो सके, बैठक में आयोग के सदस्य दिग्विजय मल्होत्रा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की गई। आयोग ने स्पष्ट किया कि संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वीकृत बजट का सही उपयोग हो तथा हर पात्र व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचे। विजय डोगरा ने अधिकारियों को अनुसूचित जाति से जुड़े मामलों का समयबद्ध निपटारा करने के निर्देश देते हुए कहा, “न्याय में देरी, न्याय न मिलने के समान है।” उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ितों को राहत राशि देने का प्रावधान है, जिसकी जानकारी जनता को दी जानी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने अंतरजातीय विवाह योजना, स्वर्ण जयंती आश्रय योजना, तथा अनुसूचित जाति विकास निगम के माध्यम से संचालित कौशल विकास और स्वरोजगार योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से गृह निर्माण अनुदान, स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता और छात्रों को शैक्षणिक ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसी तरह आयोग ने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन एवं नियमित ऑडिट सुनिश्चित किया जाएगा ताकि राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग को योजनाओं का समुचित और समयबद्ध लाभ मिल सके।