मंडी में नशा निवारण अभियान के तहत अध्यापकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

मंडी। नशा निवारण अभियान के तहत मंडी में अध्यापकों के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम शुरू हुआ, यह अभियान 1 नवम्बर तक चलेगा और इसमें जिले के 25 शिक्षा खंडों के राजकीय वरिष्ठ, उच्च व माध्यमिक स्कूलों के एक एक अध्यापक को नशे के दुष्प्रभावों, रोकथाम और उपचार से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम ब्रह्माकुमारी संस्था के सहयोग से 11 कार्यशालाओं के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त अपूर्व देवगन ने सद्भावना भवन, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, भ्यूली में दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पहली कार्यशाला में मंडी सदर-1, सदर-2 और साईगलू शिक्षा खंडों के अध्यापक शामिल हुए। विशेषज्ञों ने ‘व्यसन और इसके कारण’, ‘नशे की आंतरिक खुशी का विज्ञान’, ‘कलंक, निदान और उपचार की चुनौतियां’ तथा ‘पुनः नशे की ओर लौटना, स्वास्थ्य लाभ और जीवन में लचीलापन’ जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

इस दौरान उपायुक्त देवगन ने कहा कि नशा मुक्ति केवल कानून व्यवस्था से संभव नहीं, बल्कि जागरूकता और सिविल सोसायटी की सक्रिय भागीदारी से ही इसे प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने अध्यापकों से बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते रहने और सही दिशा देने का आग्रह किया। ब्रह्माकुमारी संस्था की राजयोगिनी शीला दीदी ने कहा कि नशा समस्या का समाधान प्यार, संवाद और सकारात्मक वातावरण के माध्यम से ही संभव है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिपाली शर्मा ने अध्यापकों को बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में उनकी भूमिका पर जोर देते हुए सही मार्गदर्शन का महत्व बताया। आईआईटी मंडी के मनोचिकित्सक डॉ. रमाजयम ने बच्चों की समस्याओं की पहचान और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर विशेष बल दिया। स्वास्थ्य विभाग के डॉ. पवनेश और पुलिस विभाग के डीएसपी दिनेश कुमार ने भी नशा निवारण प्रयासों की जानकारी दी। इस कार्यशालाएं क्रमवार जिले के विभिन्न शिक्षा खंडों में आयोजित की जाएंगी, जिनमें बल्ह, सुंदरनगर, द्रंग, जोगिंदरनगर, चच्योट, धर्मपुर, बगस्याड़, सराज और करसोग क्षेत्र शामिल हैं और अंतिम कार्यशाला 1 नवम्बर को बालीचौकी में होगी।