भारतीय जनता पार्टी द्वारा “जमीन बचाओ, मकान बचाओ” समिति गठित : बिंदल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। प्रदेश में वर्षों से बसे गरीब मजदूरों और किसानों की जमीन व मकानों को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने “जमीन बचाओ, मकान बचाओ” समिति का गठन किया है। इस समिति का गठन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल द्वारा किया गया, जिसके संयोजक वरिष्ठ प्रवक्ता एवं विधायक त्रिलोक जमवाल होंगे। इस समिति में प्रदेश उपाध्यक्ष बिहारी लाल शर्मा को सदस्य सचिव, विधायक सुधीर शर्मा, मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष बलबीर वर्मा को सदस्य बनाया गया है। इस समिति के सदस्य एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि, “प्रदेश के हजारों गरीब दिहाड़ीदार, मजदूर और किसान, जो पीढ़ियों से सरकार द्वारा दी गई भूमि पर रह रहे हैं, आज कांग्रेस सरकार की नीतिगत विफलताओं के चलते बेदखली के खतरे का सामना कर रहे हैं। भाजपा इस लड़ाई को अंतिम मुकाम तक ले जाएगी, ताकि कोई भी भूमिहीन दोबारा भूमिहीन न बने।”

इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1954 की धारा 163 सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया का प्रावधान करती है। इसी अधिनियम की धारा 163-ए को पूर्व भाजपा सरकार ने जोड़कर राज्य सरकार को अतिक्रमण नियमित करने का अधिकार दिया था लेकिन 5 अगस्त 2025 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस धारा को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2025 में उच्च न्यायालय के फैसले पर “यथास्थिति बनाए रखने” का निर्देश जारी किया, जिससे प्रदेशभर के किसानों और गरीबों को आंशिक राहत मिली है। इसी तरह 2002 में लागू की गई भूमि नियमितीकरण नीति के तहत सरकारी भूमि पर कब्जा जमाए लोगों को 5 बीघा तक भूमि देने की व्यवस्था की गई थी और बाद में इसमें संशोधन कर यह सीमा 20 बीघा तक बढ़ाई गई, इस नीति के तहत कुल 1.65 लाख लोगों ने आवेदन किए थे। हालांकि, याचिकाकर्ता पूनम गुप्ता की ओर से इस नीति की वैधता को अदालत में चुनौती दी गई, जिसके चलते यह मामला न्यायालय के अधीन है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अगस्त 2002 में प्रक्रिया तो जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन भूमि का पट्टा देने पर रोक लगा दी थी। इसी तरह भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार की ढुलमुल नीति के चलते आज हजारों परिवारों पर बेदखली का संकट मंडरा रहा है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने साफ किया है कि वे जनहित के इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे और गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।