आदर्श हिमाचल ब्यूरों
ऊना। दीपावली और आगामी त्योहारों को देखते हुए जिलाधीश जतिन लाल ने पटाखों की बिक्री और उपयोग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि ऊना में केवल “ग्रीन पटाखों” की बिक्री, भंडारण और उपयोग ही अनुमत होंगे, जो कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में है।
बिना लाइसेंस नहीं मिलेगी बिक्री की अनुमति
बता दें कि पटाखों की बिक्री करने वाले सभी विक्रेताओं को संबंधित उपमंडल अधिकारी (SDM) से अस्थायी लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा, जो ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध है और बिना लाइसेंस बिक्री पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उपायुक्त ने बताया कि प्रत्येक उपमंडल अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए निर्धारित स्थानों का चयन करेंगे, वहीं पुलिस विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि केवल ग्रीन पटाखों की ही बिक्री हो। इसी तरह उपायुक्त के अनुसार, दीपावली एवं अन्य त्योहारों पर पटाखों का उपयोग रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक सीमित रहेगा। क्रिसमस एवं नववर्ष की पूर्व संध्या पर यह समय रात्रि 11:55 बजे से 12:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। समय सीमा के उल्लंघन पर संबंधित थाना प्रभारी को उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
सुरक्षा और भंडारण के दिशा-निर्देश
ग्रीन पटाखों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त ने भंडारण के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं: पटाखों को गैर-ज्वलनशील सामग्री से बने शेड में रखा जाए। शेडों के बीच कम से कम 3 मीटर की दूरी होनी चाहिए। शेड के 50 मीटर दायरे में पटाखों का प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा। शेड में तेल या गैस लैंप का उपयोग नहीं किया जाएगा। विद्युत स्विच दीवारों से सटे होने चाहिए। प्रत्येक क्लस्टर में 50 से अधिक दुकानें नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि दुकानों को ऐसी जगह पर स्थापित किया जाए जहां कम से कम 6 मीटर चौड़ी सड़क हो और आग बुझाने के उपकरण जैसे पानी, रेत और फायर एक्सटिंग्यूशर उपलब्ध हों।
ग्रीन पटाखों की पैकेजिंग और प्रदर्शनी,
इसी दौरान उन्होंने बताया कि ग्रीन पटाखों को दुकान की खिड़की में नहीं रखा जा सकता। इन्हें चिंगारी-रोधी कंटेनरों या मूल सील पैकेजिंग में ही संग्रहित किया जाना अनिवार्य है। बिक्री स्थल के चयन से पहले स्थानीय फायर अधिकारी से परामर्श लेना आवश्यक होगा। उपायुक्त जतिन लाल ने सभी उप-मंडल अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। यह कदम त्योहारों के दौरान जन सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से उठाया गया है।