पारस हेल्थ ने शुरू किया फर्स्ट एड जागरूकता अभियान

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। पारस कनेकेिटलमेर में पारस हेल्थ द्वारा ‘सक्सेस इन साइंस’ ऑन प्राइमरी फर्म” विषय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) और समय पर कार्रवाई के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना था, क्योंकि आपात स्थिति में हर सेकंड कीमती होता है। इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भाग लिया और फर्स्ट एड की अहमियत पर अपने विचार साझा किए। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा से न केवल मरीज की हालत बिगड़ने से रोकी जा सकती है, बल्कि कई बार उसकी जान भी बचाई जा सकती है।

इस दौरान डॉ. आशीष गुप्ता, सीनियर डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी, ने कहा, “इमरजेंसी कहीं भी और कभी भी हो सकती है और घर पर, सड़क पर या कार्यस्थल पर, ऐसे में हर मिनट की अहम भूमिका होती है। खून बहने को रोकना या सांस की नली को साफ रखना जैसी साधारण चीजें भी मरीज की जान बचा सकती हैं। हमारा उद्देश्य लोगों को आत्मविश्वास और स्किल के साथ ऐसी स्थितियों में कार्य करने के लिए सक्षम बनाना है। डॉ. चेतन गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर, इमरजेंसी, ने कहा, “जब समुदाय जानता है कि शुरुआती कुछ क्षणों में कैसे प्रतिक्रिया देनी है, तो समाज अधिक मजबूत और तैयार बनता है। सही ट्रेनिंग और जागरूकता के जरिये कोई भी व्यक्ति किसी घायल की जान बचा सकता है। आम नागरिकों को फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनाना, आपात स्थितियों के परिणामों में बड़ा सुधार ला सकता है।”

डॉ. सौरव सरकार, कंसल्टेंट, प्लास्टिक सर्जरी, ने कहा, “कई बार चोटें इसलिए गंभीर हो जाती हैं क्योंकि लोग घबरा जाते हैं या उन्हें सही फर्स्ट एड का ज्ञान नहीं होता। इस पहल का उद्देश्य यही है कि लोग जान सकें कि डॉक्टर या मेडिकल टीम के पहुंचने से पहले क्या करना चाहिए। सही प्राथमिक उपचार न केवल जान बचाता है बल्कि रिकवरी को भी तेज करता है। सेशन के दौरान विशेषज्ञों ने आवश्यक फर्स्ट एड तकनीकों का लाइव डेमो प्रस्तुत किया और प्रतिभागियों को हादसे के शिकार लोगों को सुरक्षित ढंग से संभालने के तरीके सिखाए और इमरजेंसी सेवाओं के साथ बेहतर तालमेल के लिए भी उपयोगी सुझाव साझा किए गए। पारस हेल्थ लगातार ऐसी जन-जागरूकता पहलें आयोजित करता रहा है, जिनके माध्यम से मेडिकल विशेषज्ञता को समुदाय तक पहुंचाया जाता है। इन संस्थान का मानना है कि शिक्षा और जागरूकता ही स्वस्थ और सुरक्षित समाज की नींव हैं।