आदर्श हिमाचल ब्यूरों
मंडी। प्रदेश सरकार की 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना मंडी के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह लेकर आई है। इस योजना के तहत मंडी में कई युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में जलशक्ति विभाग, मंडी में वर्तमान में तीन ई-टैक्सियाँ सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। ये इलेक्ट्रॉनिक टैक्सियाँ पर्यावरण संरक्षण के अनुरूप हैं और विभागीय कार्यों के सुचारू संचालन के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को स्थायी आय और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। बल्ह उपमंडल के मांडल गाँव निवासी देवेंद्र कुमार का जीवन इस योजना से पूरी तरह बदल गया है। पहले वे दूसरों की टैक्सी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन अब ई-टैक्सी के माध्यम से उन्होंने स्थायी स्वरोजगार और बेहतर आय हासिल की है।
इस दौरान देवेंद्र ने बताया कि वर्ष 2024 में उन्होंने योजना के लिए आवेदन किया। पड्डल मैदान, मंडी में आयोजित ड्राइविंग टेस्ट उत्तीर्ण करने के बाद, दिसंबर 2024 में रोजगार विभाग ने उन्हें योजना का लाभार्थी घोषित किया, 1 जनवरी 2025 से वे अपनी ई-टैक्सी से सेवाएँ देने लगे। ई-टैक्सी की कुल कीमत 14,49,800 रुपये थी, जिसमें से देवेंद्र ने केवल डेढ़ लाख रुपये नगद योगदान दिया। योजना के तहत उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से 7,50,000 रुपये का नगद उपदान प्राप्त हुआ। वर्तमान में वे प्रतिमाह लगभग 50,000 रुपये की शुद्ध आय कमा रहे हैं, जिससे बैंक की किस्त चुकाने और परिवार का पालन-पोषण आसानी से कर पा रहे हैं। देवेंद्र ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह योजना युवाओं के लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई है और अधिक से अधिक युवा इसे अपनाकर बेरोजगारी कम कर सकते हैं।











