आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बेहतर पोषण का संबंध शिशु, बाल और मातृ स्वास्थ्य, सुरक्षित गर्भावस्था, मजबूत प्रतिरक्षा और दीर्घायु से जुड़ा है। प्रदेश में 18,925 आंगनवाड़ी केंद्र नौनिहालों की पोषण आवश्यकताओं के साथ उनकी प्रारंभिक शिक्षा की जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं। इस वित्त वर्ष में आंगनवाड़ी सेवा योजना के तहत 113 करोड़ रुपये और विशेष पोषाहार कार्यक्रम के तहत 1516.09 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सरकार ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनवाड़ी सह-स्कूल घोषित किया है, ताकि बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संयुक्त समिति आंगनवाड़ी केंद्रों और विद्यालयों के को-लोकेशन के दिशा-निर्देशों को लागू कर रही है।
इस दौरान प्रदेश में 1030 सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों में से चंबा के लिए 100 केंद्र स्वीकृत किए गए हैं और सभी डीपीओ, सीडीपीओ और सुपरवाइजर को स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे। मुख्यमंत्री बाल पोषण आहार योजना के तहत 15,181 सरकारी स्कूलों में 5.34 लाख से अधिक छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही स्कूलों में किचन गार्डन पहल के तहत 14,464 विद्यालयों में मौसमी सब्जियां उगाई जा रही हैं, जिन्हें मिड-डे-मील में उपयोग किया जाता है। मुख्यमंत्री ने मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की है। अब 21,115 कार्यकर्ता प्रतिमाह 5000 रुपये प्राप्त करेंगे। प्रदेश सरकार का कहना है कि संतुलित पोषणयुक्त आहार हर बच्चे का अधिकार है। इन पहल के परिणामस्वरूप बच्चों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास सुनिश्चित हो रहा है और उन्हें एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन मिल रहा है।











