आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश .एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को परवाणू–सोलन–कैठलीघाट–शिमला चार लेन परियोजना में छह वर्षों की देरी और खराब रखरखाव को लेकर कड़ी फटकार लगाई।
“कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम एनएचएआई एंड अदर्स” तथा CWPIL संख्या 45/2025 (उत्तांश मोंगा बनाम राज्य एवं अन्य) के साथ जुड़ी सुनवाई में अधिवक्ता गणेश बरौवालिया ने बतौर एमिकस क्यूरी न्यायालय की सहायता की, और सड़क की स्थिति व पूर्व आदेशों के अनुपालन पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
अदालत ने कहा कि एनएचएआई का “परियोजना लगभग पूर्ण” का दावा वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाता और कई हिस्से—खासकर कंडाघाट, डाट्यार और चक्की के पास—अभी भी अत्यंत दयनीय अवस्था में हैं।
न्यायालय ने राज्य सरकार और एनएचएआई को आदेश दिया कि 10 दिनों के भीतर सभी मरम्मत व ढलान सुरक्षा कार्य पूरे करें, अन्यथा सनवाड़ा टोल प्लाज़ा पर टोल वसूली पर रोक जारी रहेगी। अदालत ने यह भी कहा कि सड़कों के किनारे की नालियों की सफाई और मलबे को हटाना अत्यावश्यक है ताकि आगे सड़क को नुकसान न हो।
न्यायालय ने अधिवक्ता गणेश बरौवालिया द्वारा एमिकस क्यूरी के रूप में दी गई सक्रिय सहायता और न्यायहित में उनके योगदान की सराहना की।
मामले की अगली सुनवाई 11 नवम्बर 2025 को होगी।











