क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत मुख्यमंत्री ने एमएसएमई और व्यापारियों के लिए इतने करोड़ रुपये के ऋण किए स्वीकृत

अनुराग ठाकुर बोले .... प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दिया हैं 20 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा आत्मनिर्भर भारत पैकेज

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। बैंकों द्वारा 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत एमएसएमई व व्यापारियों के लिए 1,25,099 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जाने की जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना आपदा से देशवासियों को राहत देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का आत्मनिर्भर भारत पैकेज दिया है। इस आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत केंद्र सरकार ने सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखा व उन्हें उनकी ज़रूरतों के हिसाब से सहायता प्रदान की जा रही है।
आत्मभारत पैकेज बनाते समय हमने विभिन्न सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा की थी और उसी के अनुरूप नीतियाँ बनाईं। हमने सूक्ष्मए लघुए मध्यमए गृह उद्योग व व्यवसायियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा भारत सरकार की गारंटी पर 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत ऋण दिए जाने शुरू की थी।
    सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 1,25,099 करोड़ रुपये का ऋण सूक्ष्मए लघु और मध्यम उद्यमों के लिए मंज़ूर कर दिया है जिनमें से 61ए987 करोड़ रुपए का भुगतान किया भी जा चुका है। कुल 37.14 लाख ऋणों की स्वीकृति इस योजना के अंतर्गत दी गई है। इन उपायों से बैंकों से 20ः अतिरिक्त कार्यशील पूँजी एमएसएमई को कम ब्याज दर पर मोदी सरकार दे रही है जिससे रोज़गार के पर्याप्त अवसर बढ़ेंगे व इसका सबसे ज़्यादा लाभ छोटे शहरों व व्यापारियों को मिलने वाला है।
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अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यमए सूक्ष्म और लघु उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इनकी परिभाषा में बदलाव किया है।नई परिभाषा में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की बिक्री सीमा को बढ़ा दिया गयाण्अब 5 करोड़ तक के टर्नओवर की इकाई सूक्ष्मए 50 करोड़ के टर्नओवर की इकाई लघु और 100 तक के टर्नओवर तक की इकाई को मध्यम वर्ग में शामिल किया जाएगा, यानी छोटे उद्योगों को मिलने वाली रियायतों की सीमा का विस्तार होगा इससे उद्योग का आकार और व्यापार बढ़ेगा।
मध्यम, सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योग  के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल का प्रावधान बिना गारंटी और कोलैटरल के किया गया है । आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत तनावग्रस्त एमएसएमईके लिए 20,000 करोड़ रुपए का सबोर्डिनेट ऋण दिया जाएगा जिसका सीधा लाभ 2 लाख से ज़्यादा एमएसएमई को मिलने वाला है। एमएसएमई अपना आकार बढ़ाना चाहती थींएउनके लिए फंड्स ऑफ फंड्स के माध्यम से 50 हज़ार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूज़न का प्रावधान किया गया है।इस कदम से रोजगार के नए अवसर की पैदा होंगे जो देश को आत्मनिर्भर बनाने के सपने को साकार करेंगे

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