आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला के उपमंडल रोहड़ू ब्लॉक की टिक्कर तहसील में इन दिनों बिजली कट से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जुब्बल नावर कोटखाई सोशल मीडिया के सयोजक अक्षय सिंह नैंटा ने बताया कि इन दिनों नावर क्षेत्र में अघोषित बिजली कट लग रहे है जिसे स्थानीय लोग परेशान है वही सरकार व विभाग के प्रति काफी रोष व्याप्त है। इन दिनों पूरे क्षेत्र की सभी 9 पंचायतों में सेब का सीजन चरम सीमा पर चल रहा है जिसके कारण नावर क्षेत्र के लोगों को सेब भरने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा महाविद्यालय में चल रही परीक्षाओं के चलते पढ़ाई में भी छात्रों को बाधा उत्पन्न हो रही है। आलम यह है कि दिन में वह रात्रि के समय 3.4 घंटे वह 5 से 6 घंटे तक का अघोषित बिजली कट रहता है कभी-कभी तो आलम यह हो जाता है कि मोबाइल फोन में सिग्नल तक नहीं होता जिससे ऑनलाइन कक्षा व पढ़ाई में छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिससे सरकार व स्थानीय विधायक के खोखले दावों की भी पोल खुल रही है। स्थानीय लोगों ने सरकारए विभाग व स्थानीय विधायक से मांग की कि जल्द से सेब सीजन के दरमियान बिजली विभाग पूर्ण रूप से बिजली का संचालन करें ताकि लोगों को सेब सीजन को सुचारू रूप में चलाने से में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां सेब सीज़न से पूर्व सरकारी ख़र्चे पर श्रमिकों को लाने की बात कही थी वही आज बाग़वान निजी ख़र्चे पर श्रमिकों को लाने में मजबूर हैं और अब सरकारी क्वारन्टीन संस्थानों में श्रमिकों को रखने का भारी भरकम ख़र्चा भी बागवानों से वसूला जा रहा हैं।
सरकार के क्वारन्टीन संस्थानों के अभाव के चलते बागवानों को श्रमिकों को लाने के पास ज़ारी नही किये जा रहे। उन्होंने अपनी मांग को पुनः दोहराते हुए कहा कि जिन बागवानों और ठेकादारों के पास सुरक्षा के लिहाज़ से श्रमिकों को रखने के लिए सुविधा उपलब्ध हैं उन्हें सरकार सभी जरूरी एहतियात के साथ श्रमिकों को होम क्वारन्टीन करने की अनुमति दें।
उन्होंने कहा कि कोटखाई में दो माह से तहसीलदार का पद रिक्त पड़ा हुआ हैं जिससे जनता को श्रमिकों के पास बनवाने और राजस्व संबंधित कार्य करवाने में दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा हैं। सरकार कोटखाई में रिक्त पड़े तहसीलदार के पद को तुरंत भरें। उन्होंने सरकार का स्कैबग्रस्त सेब न खरीदने का फ़ैसला बाग़वान विरोधी ठहराया हैं और सरकार से सकैबग्रस्त सेब एमआईएस के तहत ख़रीदकर मंडियो में न भेजकर सुरक्षित स्थान में नष्ट करने की मांग की हैं। इसी प्रकार बाग़वानी विभाग के पौध सरक्षण केंद्रों में फफूंदनाशक दवाइयो की भारी कमी के चलते मध्यम व ऊंचाई वाले स्थानों में स्कैब ने सबसे अधिक कहर बरपाया हैं। भाजपा सरकार के ढाई वर्षो के कार्यकाल में जिला शिमला की हर क्षेत्र में अनदेखी हुई हैं और जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। उन्होंने सेब सीज़न और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए सरकार से बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से करने की मांग की।